छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक कलयुगी बेटे ने अपनी ही मां की जान ले ली है। आरोपी ने मां को इसलिए मार डाला, क्योंकि वो उसे घूमने-फिरने की बजाए काम करने के लिए कहा करती थी। इसी बात से गुस्से में आकर उसने अपनी मां को कमरे में बंद किया और लात-घूंसे से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद इलाज के दौरान अस्पताल में महिला की मौत हो गई है। पूरा मामला करेली बड़ी चौकी क्षेत्र का है।
आर्थिक रूप से कमजोर था परिवार जानकारी के मुताबिक, मगरलोड के डमकाडीह निवासी राजेंद्र निषाद का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। घर की स्थिति को देखकर उसकी 50 साल की पत्नी यशोदा निषाद अपने बेटे मानव निषाद (26) को काम करने कहती थी। मानव कुछ काम नहीं करता था, सिर्फ गांव में ही घूमता रहता था। योशदा ने 4 सितंबर को एक बार फिर से मानव का कहा कि बेटा कोई काम किया कर, घूमना-फिरना बंद कर दे।
इसी बात से मानव गुस्से में आ गया और उसने इस वारदात को अंजाम दिया। घटना के वक्त योशादा की चीख सुनकर आस-पास के लोग उसके घर पहुंचे। तब तक मानव घर से भाग चुका था। उस वक्त राजेंद्र निषाद भी घर पर नहीं था। आस-पास के लोगों ने किसी तरह घर के मेन गेट को तोड़ा और कमरे के अंदर घुसे। वहां यशोदा बेहद गंभीर हालत में पड़ी हुई थी। लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर शाम ही उसकी मौत हो गई। डॉक्टर के मुताबिक, महिला के सिर में गंभीर चोटें आईं थीं और खून भी बह गया था, जिसके चलते उसकी मौत हुई है। महिला की मौत की जानकारी सोमवार को सामने आई।
पूरे घटना की शिकायत करेली बड़ी चौकी में की गई। पुलिस ने आरोपी को उसी के गांव से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने बताया कि काम करने के लिए दबाव बनाने पर उसने अपनी मां की हत्या की है। मानव को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।