जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर हुई शिकायतों के बाद जांच के डर से शुरू हुआ मरम्मत
मरम्मत कार्य में भी भ्रष्टाचार का आलम,पतले सरिया से हो रही ढलाई, पुनः काटी गई जंगल की लकडि़यां
कोरिया (सोनहत से राजन पाण्डेय)
विकासखंड सोनहत के ग्राम पंचायत कछाड़ी क्षेत्र में गत वर्ष जून 2015 में बनाए गए भारी भरकम 20 लाख रूपए का एनीकट का प्लींथ एवं नीव पहली बारिश से बह जाने से जहां उक्त निर्माण कार्य के गुणवत्ता की पोल खुल गई है। वहीं जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक हुई शिकायतों के बाद अब विभाग को भी जांच का डर सताने लगा है। मिली जानकारी अनुसार विभाग ने एनीकट मरम्मत कार्य के नाम पर लीपा पोती की प्रकृया शुरू करा दिया है।
मरम्मत में भी भ्रष्टाचार
विभाग द्वारा एनीकट का मरम्मत भले ही शुरू करा दिया गया है लेकिन इस मरम्मत कार्य में भी भ्रष्टाचार साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। बावजूद इसके कोई भी अधिकारी इसके संबध में कुछ भी नही बोलना चाह रहे है। वर्तमान में आलम है की मरम्मत कार्य में किसी भी इंजिनियर का रोल नही है और बेहद पतले 8 एम एम 10 एम एम और 12 एम एम के राड से ढलाई कार्य कराया जा रहा है और कुछ स्थानों पर दिखावे के लिए 16 एम एम के राड भी लगाए गए है। इसके अतिरिक्त जो राड लगाए जा रहे है वो इतनी दूर दूर लगाए जा रहे है की यदि आने वाले बरसात में नदी का जल स्तर बढा और पिछले वर्ष जैसी स्थिती बनी तो यह मरम्मत कार्य फिर से ध्वस्त हो सकता है। वहीं एनीकट मरम्मत के नाम पर महज औपचारिक कार्य किये जाने से स्थानीय ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों में भी आक्रोश का आलम निर्मित होते जा रहा है।
हरे भरे पेंड़ों की बलि
वहीं एनीकट मरम्मत कार्य में बतौर सेट्रिग एवं खूंटे के रूप में उपयोग करने के लिए जंगल के हरे भरे पेंड़ों के लकड़ीयों का काट कर इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है की विभाग ग्रामीणों को सूखी लकड़ी लाने से भी मना करता है लेकिन खुद विभाग द्वारा हरे भरे वृक्षों को काटना अत्यंत दुखद एवं निन्दनीय है।
गुणवत्ता विहीन हुआ था निर्माण
ग्राम कछाड़ी में विभागीय स्तर से बने एनीकट की लगात भले 20 लाख के आस पास होे लेकिन ध्वस्त होने के बाद उक्त निर्माण देखने से नही लगता की इतनी राशी उक्त निर्माण खर्च हुई होगी। जबकी हकीकत यह है की ं जंगल की अवैध गिटटी जंगल का बालू एवं जगल के ही लकडीयों को मिलाकर घटिया निर्माण कराया गया था । जिसके कारण चंद दिवसों में ही एनीकट में दरार आ गई और पहली बारिश में ही एनीकट की एक साईड की नीव एवं दिवार बह गए। यदि उक्त निर्माण में प्रयुक्त सामग्रीयों के बिल वाउचर की जांच कराई जाए तो लाखों रूपए के फर्जी बिलों का खुलासा हो सकता है ।
क्या कहते है लोग
भ्रष्ट तंत्र के शिकंजे में विभाग
पुष्पेन्द्र राजवाड़े सामाजिक कार्यकर्ता सोनहत गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में कराए गए अधिकांश निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ चुके है कही भी शिकायत करें कार्यवाही नही होती, सिर्फ भ्रष्टाचार फल फूल रहा है। मरम्मत के नाम पर लीपापोती बर्दाश्त नही की जावेगी।
लव प्रताप सिंह सोनहत कुछ दिन पूर्व रामगढ दौरे के दौरान सी एफ सरगुजा से भी हम लोगों ने जांच की मांग किया था लेकिन जांच हुई या नही कुछ पता नही चला अब मरम्मत में भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है ।
आर डी पाण्डेय रिटायर रेंजर, सोनहत मैने स्वयं कलेक्टर कोरिया को शिकायत पत्र देकर जांच की मांग किया है लेकिन जांच अभी तक नही की गई है राष्ट्रीय उद्यान विभाग में समस्त नियमों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से निर्माण कराया जा रहा है जो की सरासर गलत है।
गुलाब कमरोउपाध्यक्ष कांग्रेस कोरिया रमन राज में सिर्फ भ्रष्टाचार का बोल बाला है राष्ट्रीय उद्यान विभाग के अधिकारी कर्मचारी नियमों एवं कायदा कानून को पूरी तरीके से भूल चुके है।
एस एल संत पार्क परिक्षेत्राधिकारी सोनहत किसी प्रकार की कोई अनियमितता नही है। नियमानुसार मरम्मत कार्य कराया जा रहा है और इस बार नदी के बहाव का रूख एवं अन्य चीजों को ध्यान देते हुए कार्य कराया जा रहा है।