बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने सरकारें करोड़ो रुपये पानी की तरह खर्च कर रही है..लेकिन लापरवाह अधिकारियों की कार्यशैली की वजह से सरकार के करोड़ो के पैकेज पर पानी फिर जा रहा है..यही नही जिम्मेदार अधिकारी तो मौन व्रत धारण किये हुए..आगे पाठ पीछे सपाट की रणनीति पर है..जिसका एक उदाहरण जिलामुख्यालय में देखने को मिला है..
दरअसल वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण से बचने शासकीय कार्यालयों में रखने स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत हैंडवॉश किट का निर्माण कराया गया था..और एक हैंडवॉश किट की अनुमानित लागत लगभग 30 हजार के करीब है..लेकिन अब यही जिला पंचायत परिसर में खुले आसमान के नीचे रख दी गई है..जो कि बरसात के इस मौसम में कबाड़ में तब्दील हो जाएगी..
बता दे कि एक हैंडवॉश किट में पानी की टँकी भी लगाई जानी है..और इन हैंडवॉश किट को सरकारी दफ्तरों में लगाया जाना है..ताकि आगन्तुक दफ्तर में प्रवेश करने से पहले हैंडवॉश से अपने हाथ धो सके..और सरकार की मंशा के अनुरूप खानापूर्ति करते हुए. स्वच्छ भारत मिशन के नुमाइंदों ने इस हैंडवॉश किट को मुख्यालय के कुछ एक दफ्तरों में तो लगवा दिया है..लेकिन अब बाकी हैंडवॉश किट जिला पंचायत की शोभा बढ़ाने के लिए खुले में पड़ी हुई है..
वही स्वच्छ भारत मिशन के एपीओ रणबीर साय का कहना है..की कितनी हैंडवॉश किट बनवाई गई है..यह वे देख कर ही बता पाएंगे..लेकिन यह हैंडवॉश किट बेकार में क्यो पड़ी है..इसका उनके पास कोई पुख्ता जवाब नही है..अब सवाल यह भी है..की जब जरूरत नही थी..तो भारी तादाद में हैंडवॉश किट आखिर बनवाया ही क्यो गया?..यह एक हिसाब से शासकीय राशि के दुरुपयोग के श्रेणी में भी तो आता है..