रायपुर। कोरोना के मरीजों की पहचान के बाद उनसे संक्रमण उनके परिजनों को और संपर्क में आए व्यक्तियों को न फैले इसके लिए उन व्यक्तियों की पहचान तुरंत की जाती है। जिसे कान्टेक्ट टेसिंग कहते है।
संक्रमण के फैलाव को देखते हुए अभी इंटेसिव तरीका अपनाया जा रहा है। कोरोना पाजिटिव मरीज तक तुरंत पहुंचचकर या फोन से उनके संपर्क में आए व्यक्तियों की तुरंत पहचान की जाती है। मरीज को आइसोलेट करने या अस्पताल में भर्ती करने के बाद मरीज के संपर्क में आए सबसे पहले हाई रिस्क ग्रुप जैसे बुजुर्ग,बच्चे,अन्य गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों से संपर्क कर उनकी भी कोराना जांच कराई जाती है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों नेे बताया कि कान्टेक्ट टेसिंग के कार्य का राज्य स्तर पर सर्वेलेंस किया जाता है। उन्होने बताया कि हर जिले में इसके लिए अनेक फील्ड टीम है जो तत्काल कार्रवाई करती है। जिसमें 4-6 लोग रहते है। शीघ्र संपर्क करने के लिए अभी हाई रिस्क वालों को फोन पर भी कोरोना जांच के लिए कहा जाता है।
उन्होने बताया कि कान्टेक्ट टेसिंग का काम प्रभावी तरीके से किया जा रहा है। यह कोरोना संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकता है।