रूंगटा कॉलेज के संचालको के खिलाफ बैंकिंग धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज और लाखों की आयकर चोरी के संबंध में परिवाद प्रस्तुत…

अम्बिकापुर। डी०के० सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा रुंगटा कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भिलाई एवं रुंगटा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रायपुर-संतोष रूंगटा समूह के संचालकों के खिलाफ बैंकिंग धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने तथा लाखों का आयकर चोरी के संबंध में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के संबंध में दिनांक 2/10/2020 को थाना जामुल भिलाई जिला दुर्ग शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया गया तथा शिकायत आवेदन में यह आरोप लगाया गया कि संतोष कॉलेज समूह के रुंगटा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भिलाई एवं रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रायपुर के प्रबंधक बैंकिंग धोखाधड़ी और आयकर चोरी जैसे आर्थिक अपराध को अंजाम दे रहे हैं और देश को लूट रहे हैं।

दस्तावेजों से स्पष्ट है कि शिक्षा जैसे सेवा क्षेत्र से आर्थिक लाभ कामाकर ये लोग समाज को धोखा दे रहे हैं। जो कि दस्तावेज क्रमांक 1 छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के आरटीआई पत्र क्रमांक छगस्वाथवितवि/ सू आ/2019/ 218 दिनांक 29/01/2019 से प्राप्त दस्तावेज मार्च 2018 में रुंगटा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भिलाई के कर्मचारियों को दी गई सैलरी सीट है।

यह सैलरी शीट ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शाखा रिसाली ( ब्रांच कोड 100536) की है। इस सैलरी सीट में दर्शाया गया अकाउंट नंबर फर्जी है एवं इस शीट में अंकित बैंक की सील एवं सीनियर मैनेजर के हस्ताक्षर भी फर्जी है और ऐसा कोई भी बैंकिंग ट्रांजैक्शन नहीं किया गया है।साथ ही कर्मचारियों का वेतन भी 40% बढ़ाकर बताई गई है। जो कि गलत है तथा रुंगटा कॉलेज के प्रबंधक के द्वारा बैंक कर्मचारियों को अपने साथ मिलाकर उक्त फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया है जो की स्पष्ट कूट रचना की श्रेणी में आता है।


इसी प्रकार दस्तावेज क्रमांक 2 छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के आरटीआई पत्र क्रमांक छगस्वाथवितविग/2019/1878 दिनांक 27/6/2019 से प्राप्त दस्तावेज फरवरी 2019 माह में रुंगटा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रायपुर के कर्मचारियों को दी गई सैलरी सीट है। यह सैलरी सीट ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शाखा रिसाली (ब्रांच कोड 100536) की है।

इस सैलरी सीट में दर्शाया गया अकाउंट नंबर फर्जी है एवं इस सीट में अंकित बैंक की सील एवं सीनियर मैनेजर के हस्ताक्षर भी फर्जी है और ऐसा कोई भी बैंकिंग ट्रांजैक्शन नहीं किया गया है। साथ ही कर्मचारियों का वेतन भी 40% तक बढ़ाकर बताई गई है। जो कि गलत है तथा रुंगटा कॉलेज के प्रबंधक द्वारा उपरोक्त दस्तावेज बैंक के कर्मचारियों से मिलकर तैयार किया गया है।

यही नहीं दस्तावेज क्रमांक 3 All India council of technical education (ALCTE) New Delhi के आरटीआई पत्र क्रमांक ALCTE/R/2019/52401 दिनांक 31/8/2019 से प्राप्त दस्तावेज जून-जुलाई 2019 माह में रुंगटा कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भिलाई के कर्मचारियों को दी गई सैलरी सीट है।

यह सैलरी सीट एचडीएफसी बैंक दुर्ग शाखा (PH No 16, Rakba 0188) की है। इस सैलरी सीट में दर्शाए यह सैलरी सीट ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शाखा रिसाली (ब्रांच कोड 100536) के अकाउंट नंबर फर्जी है एवं इस सीट में अंकित बैंक की सील एवं सीनियर सीनियर मैनेजर के हस्ताक्षर भी फर्जी हैं और ऐसा कोई भी बैंकिंग ट्रांजैक्शन बैंक से नहीं किया गया है।


इसी तरह दस्तावेज क्रमांक 4 All India council of technical education (ALCTE) New Delhi के आरटीआई पत्र क्रमांक ALCTE/R/2019/53415 दिनांक 23/12/2019 से प्राप्त दस्तावेज नवंबर 2019 माह में रूंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रायपुर के कर्मचारियों को दी गई सैलरी सीट है। यह सैलरी सीट एचडीएफसी बैंक दुर्ग शाखा (PH No 16, Rakba 0188) की है।

यह सैलरी सीट में दर्शाए यह सैलरी शीट ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शाखा रिसाली (ब्रांच कोड 100536) के अकाउंट नंबर फर्जी है एवं इस सीट में अंकित बैंक की सील एवं सीनियर मैनेजर के हस्ताक्षर फर्जी है और ऐसा कोई भी बैंकिंग ट्रांजैक्शन नहीं किया गया है। उपरोक्त उल्लेखनित दस्तावेज क्रमांक 1 से 4 में कर्मचारियों के वेतन संबंधी गलत जानकारी प्रस्तुत करना यह जाहिर करता है कि सालों से विश्वविद्यालय और all India council of technical education को गलत जानकारी देकर मान्यता ली जा रही है।


कर्मचारियों को कम वेतन देकर दस्तावेजों में बढ़ाकर दिखाया जाना कर्मचारियों के साथ शोषण और मान्यता नियमों के उल्लंघन को साबित करता है।

साथ ही स्पष्टद करता है कि इनकम टैक्स चोरी की गई है साथ ही शिक्षा जैसे नॉन प्रोफिटेबल संस्था के प्रॉफिट कमाकर लगाता आर्थिक अपराध को अंजाम दिया गया है। संस्था के संचालक को अपने कॉलेज में बैंकों के फर्जी सील बनाकर रखे हैं जो बैंकिंग नियमों के अनुसार गंभीर अपराध है। जिससे यह स्पष्ट है कि इन्होंने देश के प्रतिष्ठिरत बैंकों का नाम इस्तेमाल का सालों से जालसाजी कर करोड़ों रुपए धोखाधड़ी की है।

इस आर्थिक अपराध में प्रबंधकों संतोष रुंगटा, सोनल रुंगटा, सौरभ रुंगटा के साथ-साथ भिलाई और रायपुर दोनों कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मोहन अवस्थी, डॉ डीएन देवांगन, वाइस प्रिंसिपल श्रीकांत बूर्जे, एच आर महेंद्र श्रीवास्तव ने भी संदिग्ध भूमिका निभाई है और बड़ी चतुराई से इस गंभीर आर्थिक अपराध को अंजाम दिया गया है। इस पूरे आर्थिक अपराध मामले में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स एवं एचडीएफसी बैंक अधिकारियों की मिलीभगत होने की संभावना है।

उक्त मामले में थाना प्रभारी जामुल एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग के समक्ष अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था जिस पर कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण शिकायतकर्ता डी०के० सोनी के द्वारा संस्था के प्रबंधको संतोष रुंगटा, सौरभ रुंगटा, सोनल रुंगटा और कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध धारा 156(3) के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दुर्ग के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया है।