रायपुर मरवाही विधायक और अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों की दुर्दशा से अवगत कराया है.. पत्र में बताया गया है की प्रदेश के स्थानीय कलाकार जो शासन के कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति देते है उनको पिछले देश वर्ष से भुगतान नहीं किया गया है.. जिससे कलाकारों की आर्थिक हालत खराब हो चली है.. अमित ने पत्र में यह भी आरोप लगाया है की बाहरी कलाकारो को बुलाकार करोडो रुपये खर्च कर दिए जाते है लेकिन स्थानीय लोक कलाकारों की मेहनत का पारिश्रक भी नहीं दिया जा रहा है.. ऐसी और भी कई बातें अमित ने अपने पत्र में लिखी है..
पढ़िए अमित जोगी पूरा पत्र-
प्रति,
डॉ रमन सिंह, माननीय मुख्यमंत्री,
छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर
विषय: छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों के पारिश्रमिक के बकाया भुगतान बाबत ।
माननीय महोदय,
इस पत्र के माध्यम से मैं एक अत्यंत गंभीर विषय पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ। ऐसा प्रतीत होता है कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को योजनाबद्ध तरीके से धीरे धीरे समाप्त करने का सुनियोजित प्रयास हो रहा है। एक तरफ बाहर से कलाकारों को बुलाकर शासन उन पर अरबों रूपए न्यौछावर कर रहा है, वहीँ हमारे छत्तीसगढ़ के कलाकारों को डेढ़ वर्ष से उनका पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है।
विदित हो कि राज्य सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के लोक कलाकारों के माध्यम से पूरे प्रदेश में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कलाकारों द्वारा पिछले करीब डेढ़ वर्षों में लगभग ढाई हज़ार कार्यक्रम किये गए हैं लेकिन उन्हें अभी तक उनके पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया है। इनमें वे कलाकार भी शामिल हैं जिनके द्वारा गत वर्ष हमारे देश की आजादी के ७० वर्ष पूर्ण होने पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम किये गए थे। कलाकारों को पारिश्रमिक भुगतान नहीं किये जाने की वजह से उन्हें दैनिक जीवनयापन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस वजह से प्रदेश के कलाकारों एवं आमजनों में भारी रोष व्याप्त है।समय पर छत्तीसगढ़िया कलाकारों को पारिश्रमिक नहीं देना, उनकी प्रतिभा और छत्तीसगढ़ी कला का अपमान है।
जिन लोगों ने हमारे कलाकारों का निरंतर शोषण करके हमारी संस्कृति को व्यवसाय करने और मुनाफा कमाने का साधन बना रखा है, उनको सरकार उच्च पदों पर बैठाकर प्रोत्साहित करती है वहीँ दूसरी तरफ पद्मश्री से सम्मानित स्वर्गीय पुनीराम निषाद जी समायिक इलाज के अभाव में गरीबी में अपना दम तोड़ देते हैं।
छत्तीसगढ़ी कला और लोक कलाकारों का तिरस्कार और उपेक्षा एक अत्यंत संवेदनशील मुद्दा है । पीड़ित कलाकारों ने यह साफ़ कर दिया है कि दीपावली पूर्व बकाया भुगतान नहीं मिलने पर वे राज्य सरकार के सांस्कृतिक आयोजनों विशेषकर राज्योत्सव का विरोध करने बाध्य होंगे और जिसकी पूर्ण जवाबदेही सरकार की होगी।
आपसे निवेदन है कि इस ज्वलनशील मामले को संज्ञान में लेकर कलाकारों का बकाया भुगतान तत्काल करने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को सख्ती से निर्देशित करें एवं दीपावली पूर्व कलाकारों का बकाया भुगतान कर उनके घरों में खुशियों के दीप जलायें।
सादर।
भवदीय- अमित जोगी
प्रतिलिपि: श्री दयालदास बघेल, संस्कृति मंत्री,छत्तीसगढ़ शासन,रायपुर