अम्बिकापुर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद माननीय श्याम बिहारी मिश्र के आव्हान पर वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी के अव्यवहारिक प्रावधानों के विरोध में शुक्रवार 30 जून को छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया। इस बंद के दौरान प्रदेश सहित पूरे सरगुजा संभाग में व्यापार लगभग बंद रहा। बंद को देश एवं प्रदेश के विभिन्न उद्योग एवं व्यापार से सम्बंधित संगठनों का समर्थन मिला है..
दरअसल चेम्बर आफ कामर्श की मांग है कि जीएसटी में व्यापारी को सजा की व्यवस्था समाप्त होनी चाहिये। ई.वे बिल से सम्बंधित प्रावधान व्यापारियों पर लागू न हो। प्रतिमाह रिटर्न के स्थान पर त्रैमासिक रिटर्न का प्रावधान हो। विक्रेता यदि जीएसटी जमा नहीं करता है, तो खरीददार की जिम्मेदारी न हो। एक सूत्रीय सरल जीएसटी की आवश्यकता है जिसमें कर की उच्चतम दर 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिये। ऑनलाइन रिटर्न की बाध्यता समाप्त हो तथा कपड़े ब्रांडेड, अनाज, तिलहन, कृषि यंत्र एवं जीवन की आवश्यक वस्तुएं जीएसटी से मुक्त होनी चाहिये, रिवर्स चार्जेस की समाप्ति, एडवांस राशि मिलने पर जीएसटी अदा करने के प्रावधान की समाप्ति, इंस्पेक्टर राज की वापसी नहीं करने जैसी मांगो को लेकर यह बंद किया गया।
बंद को मिला व्यापारी संगठनों का समर्थन
बंद को किराना मर्चेंट एसोसिएशन अंबिकापुर, व्यापारी महासंघ अम्बिकापुर, व्यापारी संघ सूरजपुर, सर्राफा एसोसिएशन अंबिकापुर, व्यापारी संघ भटगांव, रेडीमेड व्यावसायी संघ, हार्डवेयर विक्रेता संघ, आलू.प्याज विक्रेता संघ, गल्ला तिलहन विक्रेता संघ, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, टिम्बर मर्चेंट, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल, मनिहारी विक्रेता संघ सहित अन्य सभी व्यापारी संगठनों ने भी चेंबर के बंद का पूर्ण समर्थन किया। वही इस बंद से कच्ची सामग्री को मुक्त रखा गया, थोक दवा बाज़ार पूर्णतः बंद रहा लेकिन खुदरा दवा दुकानों में बड़े अस्पतालों के मेडिकल स्टोर्स खुले रहे।
बाबूलाल अग्रवाल प्रदेश उपाध्यक्ष चेंबर आफ कामर्श
चेंबर के प्रदेश उपाध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल ने कहा की जीएसटी का स्वागत है, परन्तु इसके कड़े एवं पेचीदा प्रावधानों के विरोध में हमें सड़क पर उतरना पड़ रहा है। जीएसटी कानून में व्यवहारिकता की कमी है, जिसका विरोध व्यापारियों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा की यह विरोध जीएसटी का नहीं है बल्की उसके प्रावधानों में संसोधन की मांग को लेकर बंद किया गया है।