बलरामपुर जिले के वन विभाग में वर्षो से पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने,नियमितिकरण की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है,और वे छत्तीसगढ़ राज्य दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश की राजधानी रायपुर में 17 जुलाई को आयोजित होने वाले आंदोलन में शामिल होने की रणनीति बना रहा है।
भरे गए सहमति पत्र
वनमण्डलाधिकारी कार्यलय के सभाकक्ष में संघ के जिलाध्यक्ष राकेश पांडेय की अध्यक्षता में आज एक बैठक सम्पन्न हुई ,जिसमे जिले भर से दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारियों ने हिस्सा लिया,तथा उन्होंने सरकार को अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कराने के सम्बंध में चर्चा की।
वही उक्त आंदोलन में शामिल होने वाले कर्मचारियों ने सहमति पत्र भर रहे है,जिसके बाद 17 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेकर प्रदेश की राजधानी की ओर कुच करेंगे।
कर्मचारियों को सता रही चिंता….
गौरतलब है कि वन विभाग में दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्य कर रहे कर्मचारी अपने नियमिति करण की मांग समय -समय पर करते रहे है,बावजूद सरकार ने इस ओर कोई ठोस पहल नही की है।
ऐसे में 17 वर्षो से वन विभाग में सेवा देने वाले कर्मचारियों के समक्ष रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है,इसके साथ उन्हें यह भय भी सताने लगा है,की कही उनकी छुट्टी ना कर दी जाए।
1980 से 1997 तक के कर्मचारी हुए है रेगुलर
वही जानकारों की माने तो विभाग में 1980 से 1997 के बीच वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण किया गया था,और उसी आधार पर ये कर्मचारी नियमिति करण की मांग कर रहे है।
सूत्रों की माने तो सुप्रीम कोर्ट ने दैनिक वेतन भोगी के रूप में 10 वर्ष की अवधि पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित कर्मचारी घोषित करने का आदेश जनहित में जारी किया था।