अम्बिकापुर..(सीतापुर/अनिल उपाध्याय)..सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकान चलाने वाले सरपंच, सचिव ने गरीबों के राशन की आड़ में लाखों का घोटाला कर दिया। राशन दुकान की आड़ में लाखों का घोटाला करने वाले सरपंच सचिव के विरुद्ध राशि जमा करने प्रशासन ने नोटिस भी जारी किया था। इसके बाद भी सरपंच सचिव ने गबन की राशि आज तक जमा नही की है।
नोटिस के बाद भी राशि जमा नही करने वाले सरपंच सचिव से राशि वसूलने प्रशासन के पसीने छूट गए हैं। राशन दुकान की आड़ में लाखों का घोटाला करने वाले सरपंच सचिव एवं इसमे शामिल अन्य के विरुद्ध अब एफआईआर एकमात्र विकल्प है। ग्रामीणों ने भी इस मामले में सरपंच सचिव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। ताकि राशन दुकान की आड़ में लाखों रुपए गबन करने वाले सरपंच सचिव से राशि वसूला जा सके।
बता दें कि पूर्व में ग्राम पंचायत खड़गांव में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकान का संचालन ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता था। जिसके तहत पूर्व में राशन दुकान का संचालन ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच प्रफुल्ल बेक द्वारा किया जाता था। बाद में इसका संचालन मौजूदा सरपंच प्रेमप्रकाश लकड़ा एवं सचिव अमरमणि ज्योति मिंज द्वारा किया गया। इस दौरान सरपंच, सचिव ने राशन दुकान संचालन के आड़ में जमकर धांधली की। इन्होंने हितग्राहियों को वितरण के लिए भेजा गया चावल चना शक्कर कालाबाजारियों के हवाले कर दिया।
इतने से भी सरपंच सचिव का मन नही भरा तो ने नमक को भी नही बख्शा और उसे भी कालाबाजारियों के हवाले कर दिया। इस तरह सरपंच ने 148.1 क्विंटल चावल कीमत 5 लाख 46 हजार 4 सौ 62 रुपए 34 पैसे,चना 14.57 क्विंटल कीमत 81 हजार 43 रुपये 73 पैसे, शक्कर 6.73 क्विंटल कीमत 24 हजार 6 सौ 65 रुपये 92 पैसे एवं नमक 34.16 क्विंटल कीमत 30 हजार 9 सौ 45 रुपये 89 पैसे कुल 6 लाख 83 हजार 1 सौ 17 रुपये 88 पैसे गबन कर दिया।
सालों पहले सरपंच सचिव द्वारा किये गए इस घोटाले की राशि वसूलने में प्रशासन के पसीने छटक रहे है। प्रशासन द्वारा राशि जमा करने नोटिस जारी करने के बाद भी घोटालेबाज सरपंच सचिव पर कोई असर नही हो रहा है। राशन दुकान की आड़ में लाखों रुपए गबन करने वाले सरपंच सचिव का ये रवैया देख लगता है। इनमें प्रशासन का तनिक भी भय नही है। ऐसे में इनसे लाखों रुपए वसूल पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। राशन दुकान की आड़ में गरीबों का राशन गायब करने सरपंच, सचिव के विरुद्ध ग्रामीणों का आक्रोश भी फुट पड़ा है।
उन्होंने गरीब का हक मारने वाले घोटालेबाज सरपंच सचिव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। ताकि इनके किये की सजा इन्हें मिल सके और इनके द्वारा गबन किये गए लाखो रुपये की वसूली की जा सके। अब चूंकि दो माह बाद पंचायत चुनाव होने वाले है। जिसको लेकर कभी भी आचार संहिता लागू हो सकता है। आचार संहिता लागू होते ही सरपंच की सरपंची चली जायेगी। ऐसे में ये देखना लाजमी होगा कि प्रशासन इनके विरुद्ध क्या कदम उठाती है। जिससे कि घोटालेबाज सरपंच सचिव से लाखों रुपए की वसूली की जा सके।
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