बलरामपुर. प्रतापपुर विधायक शकुन्तला पोर्ते की जाति प्रमाण पत्र मामले में आज जिलास्तरीय सत्यापन समिति के समक्ष आज सुनवाई नही हो सकी, और अब इस मामले में 29 जनवरी को सुनवाई होगी. बता दे की अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल होने की वजह से आज सुनवाई नही हो सकी.
दरअसल, प्रतापपुर से भाजपा विधायक शकुन्तला पोर्ते की जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार देते हुए. आदिवासी समाज के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, और हाईकोर्ट ने कलेक्टर बलरामपुर को जिला स्तरीय सत्यापन समिति गठित कर जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन करने को निर्देशित किया था. वही आज दोनों पक्षों द्वारा सत्यापन समिति में दाखिल किये गये दस्तावेजों पर तर्क होनी थी, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल की वजह से सुनवाई टल गई.
इधर आदिवासी समाज के अधिवक्ता का कहना है कि “विधायक की जाति पूरी तरीके से फर्जी है, क्योंकि जाति प्रमाण पत्र पिता के आधार पर ही बनाई जाती है. जबकि विधायक की जो जाति है उनके पति के आधार पर बनाई गई है. आदिवासी समाज के अधिवक्ता ने यह भी कहा कि निर्धारित समय सीमा के भीतर सुनवाई पूरी की जानी है, और सत्यापन समिति से आग्रह की गई है कि जल्द से जल्द सुनवाई पूरी की जाएगी. ताकि समय रहते न्याय मिल सके.” – जेपी श्रीवास्तव, अधिवक्ता आदिवासी समाज
विधायक शकुंतला पोर्ते के अधिवक्ताओं का कहना है कि “उनके द्वारा जाति प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेज सत्यापन समिति को उपलब्ध करा दी गई. जिस पर आज तर्क होनी थी, लेकिन आज सुनवाई नहीं हो सकी.” – उदय प्रकाश सिन्हा, विधायक के अधिवक्ता
वही छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि “भाजपा बड़ी पार्टी है. बावजूद इसके फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विधायक निर्वाचित हुई शकुंतला पोर्ते पर कार्यवाही नहीं कर पा रही है.” – भानुप्रताप सिंह
