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Chhattisgarh News: कांग्रेस पार्टी की निगरानी समिति के बावजूद धान खरीदी केंद्रों में करोड़ों के भ्रष्टाचार… भ्रष्टाचार में नेता, अधिकारी सभी संलिप्त.. अब धान खरीदी भ्रष्टाचार का जांच करेंगे दागदार अधिकारी…
Chhattisgarh News: Despite the monitoring committee of the Congress party, corruption worth crores in the paddy procurement centers... leaders, officers are all involved in corruption.. Now the tainted officers will investigate the paddy purchase corruption...
जांजगीर-चांपा। जिले के नवागढ़ ब्लॉक के तुलसी, कीरित, ग्राम एवं दर्जनों धान खरीदी केंद्र पर करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। फर्जी तरीके से सरकारी जमीन का पंजीयन कराकर सरकार को चूना लगाया है। अब इसके पीछे नेता एवं अधिकारीओ की संलिप्तता साफ दिख रही है। आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार में पार्टी ने धान खरीदी केंद्रों पर निगरानी समिति का गठन किया था। बावजूद जिले में में करोड़ों के भ्रष्टाचार सामने आए हैं। जिसको लेकर विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रही है। अब सरकार विपक्ष को जवाब देने में नाकाम साबित हो रही है। जिले में दर्जनों ऐसे धान खरीदी केंद्र है जहां फर्जी तरह से पंजीयन करके करोड़ों का धान बेचा गया है। जिसको लेकर सरकार एवं प्रशासन अभी तक चुप बैठी हुई है वही जिला प्रशासन सिर्फ जांच की बात कह कर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन जिले में धान खरीदी का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार देखने को मिला है।
बता दें कि इस तरह का फर्जी पंजीयन कराकर धान बेचने का सिलसिला आज का नहीं है। इसके पूर्व भी सालों से फर्जी पंजीयन करा के अलग-अलग धान खरीदी केंद्र में करोड़ों का धान बेचने का बात सामने आ रहा है। अब इस मामले में तहसीलदार में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर मौके से फरार है। वही नवागढ़ ब्लॉक के तुलसी धान खरीदी केंद्र के ऑपरेटर एवं धान खरीदी प्रभारी जवाब देने में आनाकानी कर रहे हैं। हालांकि जिले के कलेक्टर जांच टीम बनाकर मामले में जांच करने की बात कह रही है। जिसको लेकर आज 3 सदस्य टीम मौके पर दस्तावेज खंगालने गए थे। जो सिर्फ धान की बिक्री की रिकॉर्ड लेकर वापस आ गए। जिससे नहीं लगता कि इस भ्रष्टाचार में कोई बड़े खुलासे हो सकते हैं। मामले में नेता एवं अधिकारी भी भ्रष्टाचार को दबाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। वही शिकायतकर्ता द्वारा उच्च अधिकारियों तक इसकी शिकायत करने कह रहे है। अब देखना होगा कि करोड़ों के भ्रष्टाचार में किन-किन अधिकारियों पर क्या करवाई होती है। यह आने वाला समय ही बता पाएगा या यह भी मामला ठंडे बस्ते में चले जाएगा।
दागी को बनाया जांच अधिकारी…
जांजगीर के नोडल अधिकारी अश्वनी पांडे एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी सहित नोडल के में पदस्थ पैकरा को जांच अधिकारी बनाकर टीम गठित की गई। लेकिन आपको बता दें कि जिस अधिकारी को जांच टीम में रखा गया है। वह खुद धान खरीदी में दागी बताया जा रहा है। जिसके पूर्व में कई प्रकरण सामने आए थे। बावजूद जिला प्रशासन ने दागी अधिकारी को इस मामले में जांच का जिम्मा दिया है। जिस अधिकारी के ऊपर खुद दाग लगी है। वह आखिर इस भ्रष्टाचार में क्या जांच कर सकता है यह सोचने वाली बात है बताया जा रहा है कि जांच के नाम पर जांच टीम लीपापोती करने में लगी हुई है। वही मीडिया से जांच अधिकारी दूरी बनाए हुए है किसी प्रकार की जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं।
तहसील कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर फरार..
मामले का खुलासा होने के बाद नवागढ़ तहसील कार्यालय का कंप्यूटर ऑपरेटर मौके से फरार बताया जा रहा है। कार्यवाही होने की भनक लगते वह ड्यूटी पर नहीं आ रहा है। अधिकारियों से जानकारी लेने पर बताया जा रहा है कि वह किसी निजी काम के लिए छुट्टी ले रखी है लेकिन वास्तविकता कुछ और है। गलती का खुलासा होने के बाद करवाई होने के डर से कंप्यूटर ऑपरेटर फरार है। तहसील कार्यालय पर ही किसानों का संशोधन एवं नए किसानो का पंजीयन कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा किया गया है। जो तहसील अधिकारी का आईडी पासवर्ड लेकर फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आ रही है।
कई वर्षों से चल रहा है भ्रष्टाचार का काम…
नवागढ़ ब्लाक के धान खरीदी केंद्र में फर्जी पंजीयन करके धान बेचने का काम कोई नया नहीं है। खुलासा होने के बाद मामला अभी सामने आया हैं। लेकिन इस तरह के पूर्व में भी कई मामले सामने आए थे। दलाल किस्म के लोग एक गिरोह में काम कर रहे हैं। जो फर्जी नाम से पंजीयन करके करोड़ों का धान बेचकर सरकार को चूना लगा रहे हैं। आपको बता दें कि नवागढ़ क्षेत्र में वर्षों से यह धंधा फल-फूल रहा है लेकिन अधिकारियों के साथ गांठ से अभी तक इस प्रकार का खुलासा नहीं हो पाया था। अब मामला का खुलासा होने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए हैं। वहीं अब मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। अपने पहुंच बता कर नेताओं से संपर्क साधने में लगे हुए है।
जिले में धान खरीदी केंद्र रहा भ्रष्टाचार में भी अव्वल..
आपको बता दें कि जांजगीर-चांपा जिला धन खरीदी केंद्र में सबसे अव्वल जिला है। वही ट्रांसपोर्टिंग से लेकर जीरो साइज में भी जिला अव्वल आते रहा है। अब धान खरीदी में फर्जी पंजीयन कर भ्रष्टाचार में भी अब अव्वल आ गया है। जिले में जिस तरह करोड़ों फर्जी पंजीयन करके भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। वह सबसे बड़ा मामला है। अगर इस मामले में कार्यवाही नहीं होती तो आने वाले समय में और भी भ्रष्टाचार बढ़ेंगे।
रकबा खसरा नंबर से हो सकता है बड़ा खुलासा..
धान खरीदी में जो करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है। उस खसरा रकबा नंबर का भी जांच होना जरूरी है। आखिर भ्रष्टाचारी द्वारा फर्जी पंजीयन करके जिन खसरा रकबा नंबर का उपयोग किया था। वह किस जगह का है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि जिस सरकारी रकबा खसरा नंबर का उपयोग फर्जीवाड़े के लिए किया गया है। वह किसी सरकारी दफ्तर की बताई जा रही है। हालांकि यह बात की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। सुनने में यह आ रहा है कि वह रकबा खसरा नंबर कलेक्ट्रेट कार्यालय के आसपास का बताया जा रहा है।