अम्बिकापुर. शहर के 25 से 30 अभिभावक शुक्रवार को एक उम्मीद के साथ एसडीएम से मिलने उकने कार्यालय पहुचे. ये वो अभिभावक है जिनके बच्चे कोचिंग करने कोटा गए हुए है. कोविड 19 संक्रमण के चलते देश में लॉक डाउनलोड लोगू है. कई राज्यों में कर्फ़्यू लगा है. परिवहन सेवाएं पूरी तर से ठप्प है. इस हालात में ये बच्चे कोटा में पूरी तरह फंसे हुए हैं.
बच्चों के लिए दर दर भटक रहे अभिभाव कभी प्रशासन से अपील करते दिखाई दे रहे तो कभी सरकार से गुहार. मां का दर्द उसकी आंखों से छलक रहा है. सभी की आखों में नमी है. पिता लॉकडाउन में फसे अपने बच्चो को घर लाना चाहता है. ये दर्द है सरगुजा के उन परिवार का जिनके बच्चे राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं. हर किसी को कोरोना वायरस का डर सता रहा है.
दरअसल अंबिकपुर शहर के 30 से 40 छात्र राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं. ये सभी छात्र अपने अपने होस्टलों में कैदी है. बस फोन के माध्यम से अपने परिवार के संपर्क में है. अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे रो रहे है बिलख रहे हैं. बस कह रहे है कि कुछ भी करके उन्हें घर लाने की व्यवस्था करा दे. बच्चों की ये स्थिति देख कर अभिभाक भी परेशान है.
अभिभावकों ने भी एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर प्रशासन और सरकार से अपील की है कि कुछ व्यवस्था कर के कोटा में फसे उनके बच्चों को अंबिकापुर लाया जाये. अभिभावकों के अपील के बाद भी कोई उम्मीद की किरण दिखती नजर नहीं आ रही है. कोरोना काल के बीच आखिर कार उनके बच्चे घर कैसे वापस आएंगे. लेकिन बच्चों को घर लाने के लिए अभिभावकों का प्रयास जारी है.