जांजगीर चांपा। जिले में बदमाशों के हौसले इस कदर बढ़े हुए हैं कि उन्हें पुलिस का खौफ नहीं रहा है. खुलेआम दो सरकारी शराब दुकानों में पहले लूट की घटना को अंजाम देते हैं फिर बंदूक नोक पर डराते धमकाते दो गार्ड्स की हत्या कर दी जाती है घटना कोई मामूली घटना नहीं है लेकिन हफ्ता गुजर जाने के बाद भी किसी नतीजे पर पुलिस नहीं पहुंची है.
अपराधी बेखौफ होकर खुलेआम घूम रहे हैं. जिले में हफ्ते भर पहले चांपा सिवनी के शासकीय शराब दुकान में हुए लूट एवं दो सुरक्षा कर्मियों की हत्या के बाद जिले के पामगढ़ के सहसा गांव में फिर से वहीं घटना को अंजाम दिया गया है. बदमाशों ने शराब दुकान में लूट का प्रयास कर एयर गन से फायर कर धमकाने की कोशिश की बाद में सफल नहीं होने पर मौके से फरार हो गए. लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक कुछ भी नहीं लगा है. पुलिस हवा में हाथ पैर मार रही है. कहने को तो जांजगीर चांपा जिले में पुलिस सबसे तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के नेतृत्व में काम कर रही है लेकिन नतीजा कुछ और दिख रहा है. पुलिस के कार्य प्रणाली पर अब सवाल खड़े हो रहे.जिले में दो बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. लेकिन पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच पा रही है. जिसके लेकर पुलिस पर कई आरोप लग रहे हैं. पुलिस इन दिनों चुनाव के अलावा अवैध जुआ,शराब पकड़ने में मस्त है लेकिन वही आपराधिक घटनाओं को सुलझाने में नाकाम साबित हो रही है. पुलिस के कार्य करने के तरीको से थाना प्रभारीयो से लेकर थाने में पदस्थ के आरक्षकों पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं.
पुलिस अब अपराधो को सुलझाने में कम ध्यान दे रही है वही अवैध शराब,जुआ पकड़ने में ज्यादा ध्यान दे रही हैं. जिसके कारण उन पर कई आरोप लग रहे हैं . और कहीं ना कहीं यह सच साबित हो रहा हैं.जुआ एवं शराब पकड़ने पर माफियाओं और जुआडियो से मोटी रकम मिलती है. शराब माफिया,जुआडिओ द्वारा पुलिस के पकड़ने के बाद बदनामी के डर से मोटे सौदे करते हैं, वही अपराध कायम नहीं करने के शर्त पर लेनदेन की बात होती है.शराब माफिया एवं जुआडियों से मोटी रकम लेकर छोड़ दी जाती है. ऐसे कई तमाम आरोप थाना प्रभारी ,आरक्षको पर लगे है. पुलिस अधीक्षक तक भी इसकी शिकायत पहुंची है, लेकिन कार्यवाही कुछ खास नजर नहीं आ रहा है. जिसको लेकर अब पुलिस पर सवाल उठने लाजिमी है. पुलिस अपने मुख्य कर्तव्य से भटक कर अवैध वसूली में ज्यादा इंवॉल्व नजर आती है जिसको लेकर एसपी,आईजी तक शिकायत पहुंचती है लेकिन उनके कार्य पर कोई सुधार नहीं आ रहा है। वहीं अब जिले की दो बड़े घटना के बाद पुलिस की कार्य पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर पुलिस आरोपियों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही।