बलरामपुर… जिले के राजपुर नगर पंचायत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घोषणा मद से लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपए के विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए मैन्युअल पद्धति से निविदा आमंत्रित किया गया था..लेकिन अब यह निविदा विवादों के घेरे में है..और खुद नगर पंचायत अध्यक्ष सहदेव लकड़ा ने मुख्य नगर पंचायत अधिकारी पर मनमानी का आरोप लगाते हुए..परिषद की बैठक में निविदा निरस्त करने की बात कही है..
दरअसल मैन्युअल निविदा पध्दति में ठेकेदार से जीवित पंजीयन प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, जीएसटी सर्टिफिकेट, बैंक साल्वेंसी, तीन वर्षो का आयकर चुकता प्रमाण पत्र, सौ रुपए का स्टाम्प में इंजीनियर अनुबंध ,टूल्स प्रमाण पत्र के साथ स्वयं द्वारा सत्यापित लेटर पैड के साथ सत्रह तारीख तक आवेदन करना था..जिसमे कुल बयालीस ठेकेदार शामिल हुए..जिसके बाद बाइस तारीख को निविदा प्रपत्र प्राप्त करना था..जब बाइस तारीख को ठेकेदार निविदा प्रपत्र लेने निकाय पहुंचे तो ठेकेदारों को बताया गया की अभी आवेदन पत्रों की जॉच जारी हैं..और निकाय के सूचना पटल पर आवेदन पत्रों की जॉच सूची को चस्पा किया जाएगा.. जिसमे सोलह ठेकेदारों के आवेदन पत्रों में दस्तावेज कम पाए गए..
लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते अपात्र ठेकेदारों को नगर पंचायत राजपुर के मुख्य नगर पंचायत अधिकारी राजेश कुशवाहा पर मनमानी के आरोप लग रहे है..
नगर पंचायत अध्यक्ष सहदेव लकड़ा का कहना है कि सीएमओ द्वारा अड़ियल रवैय्या अपनाते हुए..अपात्र ठेकेदारों को पात्र करते हुए निविदा प्रपत्र लेने की तिथि को बढ़ा कर 23 अगस्त तक कर दिया गया.. जिसके बाद अब ठेकेदारों व जनप्रतिनिधियों में सीएमओ कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी का वातावरण निर्मित हैं !
वही सीएमओ की कार्यप्रणाली को संदिग्ध बताते हुये.. निविदा में हुई विसंगति को लेकर एसडीएम राजपुर को अवगत कराया गया है..