सुप्रीम कोर्ट को मिला पहला छत्तीसगढ़िया जज, जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने ली शपथ, पढ़िए उनके बारे में

नई दिल्ली. भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ वकील कल्पथी वेंकटरमण विश्वनाथन को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई। दोनों जजों के आने से शीर्ष अदालत में 34 न्यायधीशों की संख्या स्वीकृत शक्ति के बराबर हो गई है। दो दिन पहले ही इन दो नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम ने केंद्र के पास भेजी थी। जिसे सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी थी।

बता दे कि, सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा पहले छत्तीसगढ़िया हैं। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले जस्टिस मिश्रा आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। इसके पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है।

1987 में बने अधिवक्ता

29 अगस्त 1964 में जन्मे प्रशांत कुमार मिश्रा छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बीएससी के बाद गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने रायगढ़ जिला अदालत में प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। सन् 1987 में वे अधिवक्ता बने।

साल रहे छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल चेरयमैन

प्रशांत मिश्रा ने शुरुआती दिनों में जिला न्यायालय रायगढ़, जबलपुर स्थित उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश में वकालत की। साल 2005 में वे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सीनियर वकील बनें। इतना ही नहीं, मिश्रा 2 साल तक छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चेरयमैन भी रह चुके हैं।

2021 में बने थे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

साल 2007 में महाधिवक्ता नियुक्त होने के बाद मिश्रा को 10 दिसंबर 2009 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में, उन्होंने 13 अक्टूबर 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

13 वर्षों तक किया काम

न्यायमूर्ति मिश्रा ने 13 वर्षों से अधिक समय तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में काम किया। वह उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या 21 पर हैं। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति मिश्रा ने कानून के विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त किए। उनके निर्णय कानून और न्याय से संबंधित व्यापक मुद्दों को कवर करते हैं।

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आज प्रशांत कुमार मिश्रा के लिए बड़ा दिन है। इतने समय से अपनी सेवाए दे रहे मिश्रा ने आज सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

पिछले साल रहे चर्चा में रहे

मिश्रा पिछले साल काफी चर्चा में रहे थे, जब उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने आंध्र प्रदेश सरकार की एक योजना को खारिज कर दिया था। दरअसल, 2019 में सत्ता में आने के बाद वाईएसआरसी की अगुवाई वाली आंध्र प्रदेश सरकार तीन राजधानियां बनानी चाहती थी। वह अमरावती, विशाखापत्तनम और कुरनूल के बीच राजधानी को विभाजित करना चाहती थी। इस पर मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी घोषित किया था।