नया रायपुर विकास प्राधिकरण के टेंडर पर हाईकोर्ट की रोक, किसान ने चबूतरा आवंटन को दिया था चुनौती, जानें पूरा मामला

बिलासपुर। हाईकोर्ट (Bilaspur Highcourt) ने नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जारी चबूतरा आवंटन के टेंडर को निरस्त कर दिया है। कोर्ट में नया रायपुर प्रोजेक्ट से प्रभावित किसान ने याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और नवनियुक्त न्यायधीश दीपक तिवारी की युगलपीठ में हुई।

रायपुर जिला के आरंग नवागांव के रहने बेरहा राम पटेल ने अधिवक्ता अंशुमान श्रीवास्तव, भारत गुलबानी, प्रभात सक्सेना के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया कि छत्तीसगढ़ शासन ने नया रायपुर के विकास के लिए ग्रामीणों से जमीन लिया। साथ ही प्रभावित ग्रामीण के लिए पुनर्वास नीति 28 फरवरी 2006 को लागू किया। इसमें पुनर्वास योजना के तहत किसानों का वर्गीकरण किया गया। जमीन क्षेत्रफल के हिसाब से किसानों का वर्गीकरण के हिसाब से याचिकाकर्ता का वर्ग- ग आया। जिसमें विभिन्न लाभ मिलने थे। योजना में 3600 से 9000 वर्ग फुट के प्लाट जो बारहमासी सिंचाई सुविधा के साथ-साथ सब्जी व फलों के उत्पादन के लिए था। साथ ही परियोजना प्रभावितों के लिए परियोजना क्षेत्र में पक्की दुकान जो 100 से 150 वर्ग फीट की देनी थी। उद्यानिकी/ साग सब्जी के लिए भूखंड अथवा सुविधाजनक दुकानें या आवासीय भूखंड भी विशेष सुविधा के रूप में उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई थी। इस योजना के अनुसार सहमति से 2008 में याचिकाकर्ता से जमीन का क्रय सरकार की। 2017 में सब्जी बेचने के लिए चबूतरों का निर्माण कर आवंटन के लिए टेंडर जारी किया गया। इन चबूतरों की साइज 64 स्क्वायर फीट था। जिसका आरक्षित प्रीमियम 5 रुपए वर्ग फीट रखा गया था। इस निविदा में याचिकाकर्ता को चबूतरा नंबर 5 आवंटित किया गया। याचिकाकर्ता को 2019 में चबूतरे का कब्जा दिया गया। आवंटन के बाद से लगातार कोरोना का प्रभाव होने के कारण 2020 तक वह सब्जी नहीं बेच पाया। इसके कारण प्रतिमाह लाइसेंस शुल्क के रूप में राशि 2500 रुपए जमा नहीं कर पाया। शुल्क जमा नहीं करने पर समय-समय पर नया रायपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा नोटिस दिया गया। 11 फरवरी 2021 को याचिकाकर्ता के साथ ही 50 और किसानों को भी चबूतरे से बेदखल कर दिया।

इसके साथ ही 24 अगस्त 2021 को नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा फिर से निविदा जारी की गई। इस निविदा को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इसमें यह भी बताया गया कि प्राधिकरण ने आरक्षित प्रीमियम को बढ़ाकर 8.40 रुपए प्रति वर्ग फिट कर दिया है। साथ ही कहा गया कि पुनर्वास योजना के अनुसार प्रभावित किसानों को लागत मूल्य पर या निशुल्क चबूतरा दिया जाना था यह प्रावधान में था इसका उल्लंघन नया रायपुर विकास प्राधिकरण ने निविदा जारी कर किया है। कोर्ट ने निविदा पर रोक लगा दिया है।