Big Breaking : कांग्रेस पार्टी से प्रत्याशी घोषित होने के बाद भी अकलतरा एवं जांजगीर चांपा विधानसभा से चुन्नीलाल साहू एवं मोतीलाल देवांगन ने खरीदा नामांकन फॉर्म …क्या अब कांग्रेस छोड़कर चुन्नीलाल साहू एवं मोतीलाल देवांगन लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव…या अभी भी प्रत्याशी बदलने की उम्मीद..?

@संजय यादव

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के बाद पार्टी में खलबली मच गई है. टिकट नहीं मिलने से नाराज दावेदार अब पार्टी छोड़कर अन्य पार्टी में शामिल हो रहे हैं . तो कई प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है. वही आपको बता दे की जांजगीर चांपा एवं अकलतरा विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी की घोषणा के बाद भी दोनों जगह से कांग्रेस के वरिष्ठ दोनो नेता चुन्नीलाल साहू एवं मोतीलाल देवांगन ने नामांकन फार्म खरीदा है.आखिर इसके पीछे मकसद क्या है यह वे ही जान सकते हैं …लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि पामगढ़ में कांग्रेस से टिकट के मांग कर रहे गोरेलाल बर्मन टिकट नहीं मिलने पर जोगी कांग्रेस का हाथ थाम कर चुनाव मैदान में उतर गए हैं तो क्या अब ये दोनों नेता भी यही करने जा रहे हैं… हालांकि कांग्रेस पार्टी ने मोतीलाल एवं चुन्नीलाल साहू का टिकट इस बार काट दिया है. उनके बदले अकलतरा से कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह को एवं जांजगीर-चांपा विधानसभा से ब्यास कश्यप को टिकट दिया है. चुन्नीलाल साहू एवं मोतीलाल देवांगन ने अपने विधानसभा से जोरदार दावेदार थी लेकिन टिकट कटने के बाद अब वे थोड़े नाराज चल रहे हैं. अब दोनों वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने नामांकन फार्म खरीद कर दोनों प्रत्याशियों के दिल का धड़कन बढ़ा दिया है. वहीं अब विधानसभा में चर्चा का विषय बना हुआ है कि अभी भी दोनों कांग्रेस के नेताओं को दोनों विधानसभा से प्रत्याशी बदलने की उम्मीद होगी जिसके चलते उन्होंने नामांकन फार्म खरीदा है…वही आस लगाए बैठे है कि अभी भी टिकट मिलने की उम्मीद बनी हुई है.. आखिर दोनों नेताओं ने नामांकन फार्म खरीदने के पीछे मकसद क्या हो सकता है. हालांकि अभी उन्होंने नामांकन दाखिल नहीं किया है..अब आगे नामांकन फॉर्म किस पार्टी से भरते हैं यह देखना होगा, या निर्दलीय चुनाव लड़ते है…पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ना दोनों वरिष्ठ नेताओं के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है क्योंकि पार्टी के खिलाफ काम करने वालो के ऊपर पार्टी सख्त है. पार्टी खिलाफ काम करने वालों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। लेकिन अभी भी सस्पेंस बरकरार है।