बिलासपुर
करगीकला के ग्राम तिलैहापारा के अजय नेताम अब लाठी के सहारे नहीं बल्कि ट्रायसिकल में बैठकर आराम से 12वीं पढ़ने जायेगा। आज जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर गोबरीपाट (पटैता) में उसे ट्रायसिकल मिली है। अजय बताता है कि वह अपने मां-बांप का एममात्र बेटा है, बाकि तीन बहनें हैं। बड़ी बहन यश बाई की शादी हो गई है। मंझली बहन ईश्वरी 8वीं पढ़ती है। छोटी विद्या इस साल पहली स्कूल में जायेगी। दादा-दादी साथ रहते हैं। अजय पढ़ लिखकर शिक्षक बनना चाहता है। बचपन से ही पोलियों के कारण निःशक्त होने से वह लकड़ी के सहारे स्कूल जाता रहा है। अजय बताता है कि पैतृक संपत्ति के नाम पर डेढ़ एकड़ जमीन है। उसके पिता अशोक कुमार नेताम मजदूरी करते है। वह पढ़लिखकर शिक्षक बनेगा और अपने परिवार का सहारा बनेगा। शासन की योजना से उसे सहारा मिला है । वह बताता है कि उसे हर माह विकलांग भत्ता के रूप में 200 रूपये मिलता है। निःशक्तता शारीरिक कमजोरी हो सकती है पर शासन की मंशा और स्वतः की सक्षमता से वह एक दिन अपने परिवार का सहारा जरूर बनेगा।