
बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में सरकारी राजस्व रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर धान बिक्री का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। थाना पस्ता अंतर्गत चौकी डवरा क्षेत्र में भुईयां पोर्टल के माध्यम से शासकीय व निजी भूमि को फर्जी तरीके से दर्ज कर धान बेचने की साजिश रचने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कुल 29.008 हेक्टेयर शासकीय एवं निजी भूमि के राजस्व अभिलेखों में कूटरचना कर नाम दर्ज किए गए थे। इस पूरे मामले में पटवारी अजेंद्र टोप्पो और वीरेंद्र गुप्ता की भूमिका सामने आई है। आरोप है कि दोनों ने आपसी षड्यंत्र के तहत भुईयां पोर्टल के रिकॉर्ड में हेराफेरी की। धान बिक्री के उद्देश्य से हल्का पटवारी की आईडी का दुरुपयोग करते हुए वीरेंद्र गुप्ता ने अपने और अपने परिजनों के नाम फर्जी तरीके से जमीन दर्ज करवाई।
शिकायत मिलने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की गई, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद चौकी डवरा में अपराध क्रमांक 45/2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। दिशा-निर्देश मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विशेष टीम का गठन किया और चंद घंटों में दोनों आरोपियों को धर दबोचा।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वीरेंद्र गुप्ता (28 वर्ष), निवासी कोटडीह, हाल मुकाम चौकी डवरा थाना पस्ता तथा अजेंद्र टोप्पो (46 वर्ष), निवासी जमुनिया, थाना राजपुर, जिला बलरामपुर-रामानुजगंज शामिल हैं। दोनों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस अब पूरे प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है और इस फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य पहलुओं व संभावित संलिप्त लोगों की भी पड़ताल की जा रही है।




