रायपुर: गढ़कलेवा को नया लुक देने के लिए हस्तशिल्प विकास बोर्ड ने बांस शिल्प पर आधारित फर्नीचर की नई श्रृखंला लांच की है। छत्तीसगढ़ की पारंपरिक परिवेश और साज सज्जा से जिलों में प्रांरभ हो रहे इन केन्द्रों में आकर्षण और भी बढ़ जाएगा।
नई सरकार के गठन के बाद छत्तीसगढ़ के लोक कला और संस्कृति को जहां बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने राज्य के प्रत्येक जिला मुख्यालय में गढ़कलेवा खोलने की पहल की गई है।
छत्तीसगढी व्यंजन का लुप्त न केवल युवा पीढ़ी बल्कि पुरानी पीढ़ी के लोग ले रहे हैं। इन दिनों दोनों ही पीढि़यों को इन केन्द्रों में देखा जा सकता है। हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा इन केन्द्रों को आकर्षक और छत्तीसगढ़ी परम्परा के अनुरूप बांस शिल्प फर्नीचर की नई श्रृंखला जारी की गई है।
ये फर्नीचर शुरूआत में केवल गढ़कलेवा के लिए तैयार किए जा रहे हैं बाद में लोगों की मांग के अनुरूप इसे बिक्री के लिए तैयार किया जाएगा। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि अब गढ़कलेवा में बांस शिल्प के इन आकर्षक फर्नीचर पर बैठकर छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।
ये फर्नीचर न केवल आरामदेह हैं बल्कि आकर्षक भी हैं। उन्होंने बताया कि आंकाक्षी जिले नारायणपुर के बांस शिल्प सामान्य सुविधा केन्द्र में इन फर्नीचरों को तैयार किया जा रहा है।
बांस शिल्प के लोकप्रिय होने से बांस के कारीगरों को नियमित रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा उन्हें अपने शिल्प को निखारने तथा अन्य आकर्षक सजावटी वस्तुएं बनाने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।
हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा गढ़कलेवा के फर्नीचरों की विशेष डिजाइन तैयार की गई है। इन फर्नीचरों में आकर्षक पालिश की गई है। अधिकारियों ने बताया कि इन फर्नीचरों को तैयार करने के लिए स्थानीय बंसोड़ों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।