
बलरामपुर. जिला मुख्यालय में देर शाम एक मेडिकल संचालक की लापरवाही से एक 10 वर्षीय बालक की मौत का मामला सामने आया है. मृतक बच्चा शहर के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में छठवीं का छात्र था. बता दें कि वार्ड नंबर 08 निवासी जितेंद्र एक्का अपने 10 वर्षीय पुत्र अनमोल एक्का के घुटने में घाव का उपचार कराने मेन रोड पर स्थित शंभू मेडिकल शॉप में गये थे.
जहां मेडिकल संचालक ने कथित तौर पर बच्चे के पैर में इंजेक्शन लगा दिया. जिसके बाद बच्चे की तबियत खराब होने पर उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया. जहां से बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए..मेडिकल कालेज अस्पताल रिफर किया गया था और इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया. इधर इस घटनाक्रम से बच्चे के परिजन सदमे में है और इन पंक्तियों के लिखे जाने तक इस पूरे मामले में प्रशासनिक हस्तक्षेप नही हो पाया है.
जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय में आधा दर्जन ऐसे मेडिकल संचालक है. जिनके द्वारा इलाज किए जाने की शिकायते मिलती रही है और ऐसे मेडिकल संचालकों पर कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसले बुलंद है.जिसका खामियाजा आज एक बालक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है.
बहरहाल आदिवासी बाहुल्य इस जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है..जिसमें लापरवाही ने जान ले ली हो..इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे है और इन सबके पीछे का कारण जिला अस्पताल भी है. जो रिफर सेंटर के रूप में इन दिनों जाना पहचाना जाता है. ऐसे में स्थानीय प्रशासन को जिला अस्पताल की व्यवस्था दुरुस्त कर कथित तौर पर लोगों का इलाज करने वाले मेडिकल संचालकों पर कार्यवाही की आवश्यकता है.