
बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..प्रदेश में एक तरफ सुशासन तिहार मनाया जा रहा है..अधिकारी समाधान शिविरों के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करने का दावा भी कर रहे है..लेकिन सरकार के इस सुशासन तिहार की पोल अब खुलती नजर आ रही है!..
बता दे की सुशासन तिहार को किस तरह से मजाक बना दिया गया है..इसे जरा समझिए..जिला मुख्यालय में शहीद पार्क बनाया गया है..लेकिन रख रखाव के अभाव में यह पार्क अब नाम मात्र का रह गया है..शहर के बीचों -बीच एनएच 343 पर शहीद पार्क है..और शाम होते ही यह पार्क अंधकार मय हो जाता है..जिसको लेकर सुशासन तिहार में शिकायत खुद वार्ड पार्षद ने की है..और अप्रैल के महीने में हुई शिकायत का समाधान नही हो पाया है.. यहां तक की इस भीषण गर्मी में पार्क में लगाये गये हरे -भरे पौधे भी पानी के अभाव में सुख चुके है..
इधर यही हाल पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पीछे पुलिस कालोनी का भी है..रहने के लिये तो यह पुलिसकर्मियों की कालोनी है..लेकिन बलरामपुर नगर पालिका का एक वार्ड भी है..जहां नगर पालिका के द्वारा अबतक रात में कालोनी दूधिया रौशनी से जगमगा उठे इसकी भी व्यवस्था नही है..अब ज़रा समझिए की आखिर मुख्यालय का यह हाल है..तो फिर ग्रामीण अंचलों का क्या होगा..जहां मांग और शिकायतों के बाद अबतक कुछ नहीं हो सका!..प्रदेश में विकास कार्यों में तेजी लाने की पहल सरकार तो कर रही है..खुद आमजनों से फीडबैक लेने मुख्यमंत्री जनता के बीच जा रहे है..लेकिन स्थानीय अधिकारियों को फुर्सत नही कि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए..

बहरहाल प्रदेश के सरकारी सिस्टम की नब्ज टटोलने का काम तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने शुरू की थी..वे भी महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की नब्ज टटोलने जनता के बीच पहुंचते थे..समय बदला तो ग्राम सुराज से लोक सुराज, भेंट मुलाकात और अब सुशासन तिहार पर काम वही है..लेकिन जिम्मेदारों को कौन समझाए..सिस्टम तो सरकारी ही है..




