
बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..सरकारी पैसों की बर्बादी कैसे और किस कदर की जाती है..इसकी एक बानगी देखिए..जिलामुख्यालय में पिछले साल 38 लाख की लागत से बनी बिल्डिंग कंप्लीट हुई..और माननीयों के दबाव में इसी साल बिल्डिंग का लोकार्पण भी हो गया..लेकिन दो विभागों के बीच ऐसी तलवार खींच गई..की बिल्डिंग शो पीस बनकर रह गई है..और जिस उद्देश्य से बिल्डिंग को बनाया गया..उस उद्देश्य की पूर्ति ही नहीं हो सकी..कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे है!.
हाउसिंग बोर्ड ने बलरामपुर जिलामुख्यालय में 38 लाख की लागत से एसडीएम दफ्तर की बिल्डिंग बनाई..बिल्डिंग की क्वॉलिटी भी ऐसी की पहली बरसात में ही बिल्डिंग पानी से तर – बतर हो गई.. तत्कालीन बलरामपुर एसडीएम अमित श्रीवास्तव ने बिल्डिंग को हैंडोव्हर लेने से मना कर दिया था..जिसके बाद आनन -फानन में ठेकेदार ने नवनिर्मित बिल्डिंग को रिपेयर किया..और स्थिति ऐसी बनी की माननीयों ने बिल्डिंग का लोकार्पण करा दिया..लेकिन आज भी बिल्डिंग में ताला लटका हुआ है..बिल्डिंग हाउसिंग बोर्ड के कब्जे में है!.
सोचने वाली बात है ,कि कुछ पैसे बचाने बिल्डिंग को जिस तरीके से तैयार किया गया..वह बिल्डिंग अब किसी काम की नही रह गई है..एकबार फिर मानसून दस्तक देने वाली है..ऐसे में सरकार के 38 लाख बर्बाद कर दिए गए!.
इधर जिस बिल्डिंग में एडीएम दफ्तर का कामकाज संचालित होता है..उस बिल्डिंग की भी स्थिति सही नही है.. यहां तक की बिल्डिंग रिपेयरिंग के लिये भी पत्र व्यवहार कर दिया गया है!..
बहरहाल लाखों रुपए खर्च कर बिल्डिंग बनाना और उसे शो पीस घोषित कर देना..लापरवाह ठेकेदार और विभाग पर कार्यवाही ना होना यह भी सिस्टम सा बन गया है..आलाधिकारी अपने ही विभाग की संपत्ति की देखभाल नही कर पा रहे है..ऐसे में यह उम्मीद कैसे लगाई जाये की सब पहले से बेहतर होगा?.