
बलरामपुर.. जिले में 4 करोड़ 13 लाख 65 हजार रुपये की लागत से बनी PM जनमन योजना की सड़क बनने के महज कुछ ही महीनों के भीतर ही उखड़ने लगी है..जिसके बाद अब ठेकेदार अपनी भ्रष्टाचार को छिपाने सड़क में पैच रिपेयरिंग की जगह गिट्टी डालकर खानापूर्ति करने पर आमादा है..वही ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाया है..इधर इस मामले में बलरामपुर एसडीएम ने जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है !.
दरअसल यह उबड़-खाबड़ और टूटी-फूटी सड़क बलरामपुर विकासखंड के गोविंदपुर गांव की है.. जो अभी कुछ ही महीने पहले बनकर तैयार हुई..जिसकी लागत 4 करोड़ 13 लाख 65 हजार रुपये है.. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की यह 6 किलोमीटर की सड़क उखड़ने लगी है.. नई नवेली सड़क पहली ही बरसात में खाई में तब्दील होने के कगार पर है..
तकनीकी जानकारों के मुताबिक सड़क निर्माण के पहले अगर रिटर्निंग वाल का निर्माण कर दिया जाता तो शायद आज ये तस्वीरे निकलर सामने नही आती..हैरानी की बात तो यह है कि जिले में PM जनमन योजना से बनी सड़क की यह कोई पहली तस्वीर नही है..इससे पहले भी खटवा बरदर गांव में 2 करोड़ की लागत से बनी सड़क महज महीने भर में ही उखड़ने लगी थी..लेकिन उस मामले में भी लीपापोती का ही क्रम चला!.

देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाकर गांव गांव में विकास का सपना देख रहे है.. तो दुसरी ओर जिम्मेदार अफसरों ने प्रधानमंत्री के सपने पर ही पलीता लगा दिया है.. बलरामपुर जिले में प्रधानमंत्री मोदी के सपनों की सड़क का अब हाल बेहाल है ..ग्रामीणों ने ठेकेदार और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अफसरों पर घटिया निर्माण का आरोप लगा रहे है..
हालांकि बलरामपुर एसडीएम आनंद राम नेताम ने घटिया सड़क निर्माण की जांच की बात कही है.. लेकिन जांच कब तक होगी और कार्यवाही कब तक होगी..इन सब से ग्रामीणों का क्या सरोकार!.
बहरहाल सरकार की योजनाओं की निगरानी रखने की जिम्मेदारी स्थानीय विधायक व सांसद सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी होती है..लेकिन सभी जिम्मेदार अनजान बने नजर आते है..और कुछ ठेकेदारों को तो सफेदपोश संरक्षण प्राप्त होता है..ऐसे में आखिर कार्यवाही किस पर?.