
बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..भाजपा ने जिला कार्यकारणी की घोषणा कर दी है..इस कार्यकारणी में 6 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री, 6 मंत्री, कोषाध्यक्ष और 1 प्रवक्ता बनाया गया है..भाजपा प्रदेश कार्यालय से जारी इस सूची में जातिगत समीकरणों का बेहतर तालमेल नजर आ रहा है..लेकिन सबसे अहम बात यह है..की जिस उपाध्यक्ष से जनवरी में भाजपा ने किनारा कर लिया था..उन्हीं व्यक्ति विशेष को एक बार फिर उपाध्यक्ष बनाया गया है..अनुशासन की पार्टी कहे जाने वाले भाजपा में भला यह कैसी चूक है..यह समझ से परे है..पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मसले पर मौन धारण कर लिया है!..
11 जनवरी की रात बलरामपुर थाने के सामने पुलिस वाहन चेकिंग की कार्यवाही कर रही थी..पुलिस सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए..शराबी वाहन चालकों पर कार्यवाही कर रही थी..इसी बीच किसी अपने को बचाने भाजपा नेता अजित सिंह मौके पर पहुंचे थे..और पुलिसकर्मियों पर नशे में धुत चार पहिया वाहन चालक को छोड़ने दबाव बना रहे थे..दबाव से बात नहीं बनी तो नेता जी सड़क पर लेट गए थे..और फिर हाई वोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया था..किसी तरह से पुलिस ने नेता जी को मनाकर ड्रामा खत्म कराया..पुलिस ने प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की!.
इधर सुबह होते-होते नेताजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ..नेता जी उस समय भी भाजपा के जिला उपाध्यक्ष थे..लेकिन भाजपा ने नेता जी से किनारा कर लिया था..और अब फिर से वही नेता जी उपाध्यक्ष बना दिए गए है..मतलब साफ है..आप ड्रामा जानते है तो आपकी जगह पक्की है..
अजित सिंह भाजपा में लंबे समय से सक्रिय है,वे बलरामपुर मंडल के अध्यक्ष रहे,उसके बाद सीधे उनकी ताजपोशी उपाध्यक्ष की कुर्सी पर हो गई..और फिर से वे टीम ओमप्रकाश जायसवाल का हिस्सा बन गए..पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते है कि अजित जनाधार वाले नेता है..शायद इसलिए उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया हो..खैर नेता जी को अब ज़रा सम्हल कर अधिकारियों से पेश आना होगा ..नहीं तो फिर किरकिरी पक्की है!.
अनुशासन की पार्टी कहे जाने वाले भाजपा के आला नेताओं तक शायद 11 जनवरी की बात नहीं पहुंची होगी..क्योंकि संगठन मंत्री पवन साय ऐसे मामलों में अनुशासन का डंडा चलाने में गुरेज भी नहीं करते है!.