
बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)…प्रदेश में सुशासन तिहार को अफसर और माननीय मजाक बनाये बैठे है..कही पर अफसरों की गैर हाजिरी तो कही पर माननीयों की खरी -खोटी देखने और सुनने में मिल ही जाया करती है..समाधान शिविर में यदि माननीय शिष्टाचार से अपनी बात रखते तो उन्हें उनके सवालों का जवाब मिल जाता..समाधान शिविरों में होता भी वही है..आप अपनी बात रखिए..आपकी समस्या का हल निकाल लिया जाएगा..मगर ऐसा हुआ कुछ भी नहीं !..
ताजा मामला जिले के रामानुजगंज नगर पालिका के सुशासन तिहार का है..जहां एक माननीय एक अफसर पर रौब झड़ने में कोई कोर कसर ही छोड़ते नजर नहीं आ रहे..और यह मामला ऐसे तूल पकड़ा..जब एक पत्रकार से मोबाइल की छिना झपटी अफसर ने आवेश में आकर कर दी..जाहिर सी बात है..इतना कुछ हो और कोई घटनाक्रम का वीडियो बना रहा हो तो कोप का भाजक तो वही बनेगा..बहरहाल इस घटनाक्रम ने सोशल मीडिया में अपनी जगह बना ही ली!.
दरअसल निर्धारित तिथि और समय पर रामानुजगंज के टाउनहॉल में समाधान शिविर शुरू हुआ..लोग अपनी शिकायतों और मांगो को लेकर शिविर में मौजूद थे..इस बीच सत्ता पक्ष से संबंधित माननीय मौके पर पहुंचे..माननीय को रामानुजगंज नगर से सट कर गुजरने वाली रिंग रोड पर बन रही गुणवत्ताविहीन नाली की समस्या सता रही थी..और वे सीधे कार्य एजेंसी पीडब्ल्यूडी के ईई से मुखातिब हुए..सार्वजनिक रूप से रौब का स्वरूप देख ईई बगल में स्थित रेस्ट हाउस की ओर रवाना हुए..लेकिन माननीय पीछा करते -करते रेस्ट हाउस परिसर में दाखिल हो गए..इधर इस घटनाक्रम को कैद करने वाले पत्रकार माननीय और अफसर के बीच के भंवर में जा फंसे..और घटनाक्रम को तूल मिल गया..की पत्रकार से बदसलूकी हुई..समझने वाली बात तो यह है..की पहले हवा रुख माप लेना था..और अपने विवेक से काम करना था..लेकिन सब गड़बड़ हो गया!.
सत्ता पक्ष के माननीय का यह कृत्य किसी समझदारी का प्रतीक नहीं है..माननीय को शांति से बैठकर शिष्टाचार के साथ अपनी बात रखनी थी..और अगर जिम्मेदार अफसर नहीं सुन रहे तो जिले के आलाधिकारियों और जिनके वे करीबी है उन मंत्री जी से शिकायत करनी थी..
माननीय शायद भूल गये की..जब जनहित से जुड़ा मुद्दा हो तो..उन्हें विरोध प्रदर्शन करना चाहिए..समस्या का हल निकालने का प्रयास करना चाहिए..मगर माननीय तो यहां रौब ही झाड़ने लगे..और पत्रकारों से बदसलूकी अब राजनीतिक रोटी सेंकने की तवा बनकर रह गई है!..
बहरहाल प्रदेश के कद्दावर मंत्री जी को यह सब देखना चाहिए..की क्या हो रहा है.. यहां अधिकारी की नहीं बल्कि सत्ता पक्ष की किरकिरी हो रही है..वह इसलिए क्योंकि सत्ता पक्ष के माननीयों को इस तरह अधिकारियों को घेरने की नौबत ही नही आनी चाहिए..बहरहाल अब इस घटनाक्रम की जांच होगी!.