
बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले में एक बार फिर रेत माफियाओं का कहर देखने को मिला है..रेत माफियाओं ने इस बार एक पुलिसकर्मी को अपना निशाना बनाया है..घटना के प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी अवैध रेत उत्खनन की सूचना पर कन्हर नदी के किनारे पहुंची थी..इस दौरान रेत माफियाओं ने एक आरक्षक पर ट्रैक्टर चढ़ा दी..जिससे आरक्षक की मौके पर ही मौत हो गई..इधर इस घटना के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है..वही मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए रामानुजगंज सरकारी अस्पताल लाया गया है!..
हालांकि की घटनाक्रम को लेकर पुलिस के आलाधिकारियों ने चुप्पी साध ली है..और घटना के विस्तृत ब्यौरे का इंतजार किया जा रहा है..लेकिन सबसे अहम बात की आखिर लापरवाही किसकी?.दरअसल बीती रात जहां पर यह समूचा घटनाक्रम हुआ..वह क्षेत्र छत्तीसगढ़ और झारखंड का सीमावर्ती क्षेत्र है..और सनवाल थानांतर्गत लिब्रा गांव में कन्हर नदी पर रेत का उत्खनन कर रेत माफिया रेत की झारखंड में तस्करी किया करते थे..जिसकी सूचना पुलिस को मिली थी..और पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी रेत माफियाओं पर नकेल कसने मौके पर पहुंची थी..इसी दौरान आरक्षक क्रमांक 43 शिवबचन सिंह पर रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर चढ़ा दी..जिससे उसकी मौत हो गई..
दरअसल बीती रात जहां पर यह समूचा घटनाक्रम हुआ..वह क्षेत्र छत्तीसगढ़ और झारखंड का सीमावर्ती क्षेत्र है..और सनवाल थानांतर्गत लिब्रा गांव में कन्हर नदी पर रेत का उत्खनन कर रेत माफिया रेत की झारखंड में तस्करी किया करते थे..जिसकी सूचना पुलिस को मिली थी..और पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी रेत माफियाओं पर नकेल कसने मौके पर पहुंची थी..इसी दौरान आरक्षक क्रमांक 43 शिवबचन सिंह पर रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर चढ़ा दी..जिससे उसकी मौत हो गई..बहरहाल रेत की अवैध कमाई का गढ़ बन चुके इस क्षेत्र में लंबे समय बाद रेत तस्करों की सुगबुगाहट हुई है..जो प्रशासन की लिए चुनौती भी साबित हो सकती है..
बहरहाल रेत की अवैध कमाई का गढ़ बन चुके इस क्षेत्र में लंबे समय बाद रेत तस्करों की सुगबुगाहट हुई है..जो प्रशासन की लिए चुनौती भी साबित हो सकती है..