‘सरोज पांडेय पर बघेल की टिप्पणी दिमागी दीवालिएपन और दरिद्र सोच का परिचायक’

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी, प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू व भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया, सांसद गोमती साय, प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य ओजस्वी मंडावी, पूर्व मंत्री रमशिला साहू, खुज्जी विधानसभा क्षेत्र की भाजपा प्रत्याशी गीता साहू ने भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद डॉ. सरोज पांडेय के विरुद्ध मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टिप्पणी को उनके दिमागी दीवालिएपन और दरिद्र सोच का परिचायक बताया है। भाजपा नेत्रियों ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल सत्तावादी अहंकार में इतने चूर हो चले हैं कि अब पद की गरिमा और मर्यादा को ताक पर रखकर महिलाओं का खुला अपमान करते हुए भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं।

भाजपा नेत्रियों ने कहा कि प्रदेश एक ओर रक्षाबंधन पर्व मनाने जा रहा है, महिलाएँ इस पर्व पर भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपने आत्म-सम्मान की रक्षा की विनम्र अपेक्षा रखती हैं, वहीं मुख्यमंत्री बघेल अपनी और कांग्रेस की महिला विरोधी गर्हित सोच का प्रदर्शन कर रहे हैं। जो महिला प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के अवसर पर मुख्यमंत्री को राखी भेजती हैं, उन पर राखी से एक दिन पहले मुख्यमंत्री का वक्तव्य उनकी महिलाओं के प्रति घटिया सोच को स्पष्ट करता है। लेकिन मुख्यमंत्री बघेल से राखी का मान रखने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है, जब उनकी ही पार्टी के युवा नेता, जैसे रुहाब मेमन और शहनवाज बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में शामिल हैं। मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेताओं की इसी ओछी सोच का नतीजा है की प्रदेशभर में महिलाएँ और बहनें असुरक्षित हैं और आए दिन उन पर जुर्म हो रहे हैं।

भाजपा नेत्रियों ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुश्री पांडेय पर अपमानजनक व्यक्तिगत टिपण्णी करके मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश की सारी महिलाओं को अपमानित किया है। डॉ. सुश्री पांडेय भाजपा की नेता बाद में हैं और प्रदेश की सम्माननीय महिला पहले हैं। भाजपा नेत्रियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ संस्कृति की बात करने वालों ने आज महिलाओं का अपमान करके अपने मनोरोग का प्रदर्शन किया है। हमारी संस्कृति हमें यह नहीं सिखाती। इस बार प्रदेश की हर महिला मुख्यमंत्री बघेल को राखी भेजेगी और उन्हें सार्वजनिक शिष्टाचार और महिलाओं का सम्मान करने की सीख देंगीं। महिलाओं के सम्मान के लिए उन्हें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।