
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव की हलचल अब और तेज हो गई है। गुरुवार को विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने आधिकारिक तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान विपक्ष की एकजुटता भी साफ दिखाई दी, क्योंकि नामांकन के समय सोनिया गांधी, शरद पवार, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, रामगोपाल यादव, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत समेत गठबंधन के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। विपक्ष के करीब 80 सांसदों ने प्रस्तावक और अनुमोदक के रूप में हस्ताक्षर किए, जिनमें सोनिया गांधी भी शामिल रहीं। यह चुनाव 9 सितंबर को होना है।
नामांकन से पहले बुधवार को इंडिया अलायंस की ओर से संसद भवन के सेंट्रल हॉल में बी सुदर्शन रेड्डी के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विपक्ष के बड़े नेता जैसे मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, शरद पवार और संजय राउत मौजूद थे। कार्यक्रम में नेताओं ने रेड्डी को सम्मानित करते हुए उन्हें विपक्ष की एकजुट आवाज करार दिया।
उधर, एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को ही अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे। राधाकृष्णन ने चार सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया, जिनमें से पहले सेट पर प्रधानमंत्री मोदी मुख्य प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षरकर्ता रहे।
संख्याबल की स्थिति देखें तो इस बार कुल 782 सांसद निर्वाचक मंडल में शामिल हैं। इनमें 542 लोकसभा और 240 राज्यसभा सदस्य हैं। एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास कुल 312 सांसद हैं। उपराष्ट्रपति पद पर जीत के लिए 391 वोटों की जरूरत है। ऐसे में गणित के लिहाज से एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। अब सारा ध्यान इस बात पर है कि जीत का अंतर कितना बड़ा होगा।