• इसी प्रक्रिया के साथ मेडिकल कॉलज रायपुर का नाम टीएवीआर प्रक्रिया करने वाले देश के चुनिंदा चिकित्सा संस्थान में शुमार
रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार अपने राज्य के नागरिकों के लिये सर्वाेत्तम कार्डियक उपचार सुविधा प्रदान करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है. इसी क्रम में पं. जवाहर लाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में 70 वर्षीय एक बुजुर्ग मरीज का प्रथम ट्रांस-कैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) प्रक्रिया से दिल की बीमारी का इलाज शनिवार को किया गया. निजी अस्पताल में टीएवीआर प्रक्रिया की लागत लगभग 25 लाख है लेकिन एसीआई में छत्तीसगढ़ सरकार की डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत गरीब मरीज को दिल की बीमारी की यह उपचार प्रक्रिया निःशुल्क प्रदान की गई है.
रायगढ़ के पास के छोटे से गाँव का 70 वर्षीय मरीज़ सांस की तकलीफ से पीड़ित था. जांच में एओर्टिक बाइकस्पिड वाल्व होना पाया गया. सीवियर वाल्व स्टेनोसिस के कारण मरीज का दिल गंभीर रूप से खराब हो गया था. कार्डियक सर्जन ने हृदय की गंभीर बीमारी को देखते हुए दिल का ऑपरेशन करने से इंकार कर दिया. ऐसे में एसीआई में मरीज की बीमारी के उपचार के लिये ट्रांस-कैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट की योजना बनायी गयी और बिना बेहोश किये और छाती पर किसी भी प्रकार का चीरा लगाये बिना, ट्रांसक्यूटेनस महाधमनी वाल्व, जांघ की धमनी के माध्यम से डाला गया.
कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रो. स्मित श्रीवास्तव बताते हैं कि देश में वर्तमान में केवल 30 संस्थानों में ही ट्रांस-कैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट की सुविधा है. एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट, मेडिकल कॉलेज रायपुर भी प्रथम टीएवीआर प्रक्रिया के साथ 9 जनवरी 2021 को इस सूची में शामिल हो गया. मेडिकल कॉलेज रायपुर के डीन डॉ. प्रो. विष्णु दत्त और अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनित जैन ने इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक चिकित्सीय सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित की. एसीआई में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में डॉ. जोगेश दासवानी, डॉ. सुलभ, डॉ. संदीप नाग, डॉ. शिवांगी सेनगुप्ता, डॉ. श्रिया अम्भेकर और डॉ. सिमरन राणा, इस सफल टीएवीआर प्रक्रिया में शामिल थे. सर्जिकल और एनेस्थीसिया के बैकअप के लिये सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डॉ. के. के. साहू, डॉ. एन. एस. चंदेल एवं डॉ. अरुणाभ मुखर्जी इस प्रक्रिया के दौरान कैथलैब में मौजूद रहे. कार्डियक तकनीकी टीम में श्री आई. पी. वर्मा और सिस्टर शीना शामिल थीं जिन्होंने प्रक्रिया के दौरान और बाद (प्री और पोस्ट ऑपरेटिव केयर) में रोगी की देखरेख की.
इस एडवांस प्रक्रिया की सफलता ने भविष्य में एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में कई और अधिक जटिल और उन्नत प्रक्रिया के लिए मार्ग प्रशस्त किया है. संस्थान में जल्द ही ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा भी शुरू होने जा रही है. एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट का नाम राज्य के कार्डियक सेवाओं में अग्रणी है, जिसमें विभिन्न प्रकार की उन्नत कार्डियक प्रक्रियाएँ अब तक संपन्न होती आयी हैं. संस्थान ने 10 दिन के बच्चे से लेकर 104 साल तक के दिल के मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया है. पीडियाट्रिक कार्डियक इंटरवेंशन, परक्यूटेनियस वाल्व प्रोसीजर, पेसमेकर डिवाइस इम्प्लांटेशन और कोरोनरी इंटरवेंशन में यह कार्डियक इंस्टीट्यूट अपनी विशिष्टता रखता है.
हाल ही में, संस्थान ने 3 डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी और रेडियोफ्रीक्वेंसी एबलेशन के माध्यम से असामान्य दिल की धड़कन का सफलतापूर्वक उपचार करना शुरू किया है. ट्रांस-कैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) का यह प्रोसीजर गंभीर एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस (एएस) के रोगियों के लिए आधारशिला चिकित्सा साबित हुई है. टीएवीआर ने अब एओर्टिक वाल्व रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में अपनी भूमिका को स्थापित किया है.