अम्बिकापुर (उदयपुर/क्रांति रावत)। परसा कोयला खनन परियोजना में आगजनी तोड़फोड़ की घटना के बाद कोल माइंस में सुरक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ अनुपम दत्ता की रिपोर्ट पर उदयपुर थाना में 10 आदिवासियों के विरुद्ध, जो कि कोयला खदान के विरोध में लगातार आंदोलन के नेतृत्वकर्ता रहे हैं। नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है।
15 अप्रैल को सुरक्षा अधिकारी अनुपम दत्ता द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में लेख किया गया है कि दोपहर 3:00 बजे करीब 200 से 250 की संख्या में लोग साल्ही परियोजना कार्यस्थल हथियार से लैस होकर आए और जबरन कंपनी परिसर में घुसकर परिसंपत्तियों में तोड़फोड़ व आगजनी करने लगे। आवेदन एक व्यक्ति के साथ मां बहन की गाली गलौज कर मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने की वजह से भगदड़ मचने का उल्लेख किया गया है।
FIR में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें रामलाल करियाम, बालसाय कोर्राम, मुनेश्वर पोर्ते, जगरनाथ बड़ा, अंतराम, आनंद कुसरो धरम मरपच्ची, पवन कुसरो नंदा कुसरो कृष्णा कुसरो का नाम शामिल है। इन लोगों के विरुद्ध उदयपुर पुलिस ने धारा 147, 148, 149, 452, 294, 506, 323, 436 भादवि व 25 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि ग्रामीण विगत 2 मार्च से परसा कोल खदान के विरुद्ध अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन ग्राम हरिहरपुर में शांतिपूर्ण तरीके से लगातार करते आ रहे थे, परंतु शासन प्रशासन द्वारा इनकी मांगों को नहीं सुना गया।
कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा परसा खदान हेतु स्वीकृति प्रदान किये जाने के बाद कोल प्रभावित ग्राम के ग्रामीणों काफी आक्रोश है।