अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव आज कल काफी चर्चा में रहने लगे हैं। यहां की राजनीति की बात जब भी आती है तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का नाम जरूर आता है। लोग अभी तक ये बात भूले नही की छत्तीसगढ़ में ढाई ढाई साल सीएम बने रहने की चर्चा हुई थी, जिसमें टीएस सिंहदेव का नाम भी सामने आया था। एक बार फिर सिंहदेव ने सीएम बनने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कौन मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहता। मौका मिलता तो मैं भी छत्तीसगढ़ के लिए काम करता, लेकिन जब चुनाव लड़े तब कोई नहीं मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं था और चुनाव के बाद 4 लोगों को दिल्ली बुलाया गया था। जिसको 75 के पार करने का जिम्मा मिला वही सीएम बनेगा।
सीएम पद के प्रबल दावेदार थे टीएस सिंहदेव
छत्तीसगढ़ में चुनाव के बाद सीएम पद के लिए टीएस सिंहदेव भी प्रबल दावेदारों में से एक थे, लेकिन ढाई-ढाई साल के फार्मूले की चर्चाएं उस वक्त चलीं और भूपेश बघेल को (cm bhupesh baghel) सीएम बना दिया गया। कई बार सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के बीच तल्खी भी सामने आई। इस बीच सिंहदेव ने चुनाव आने पहले अपने भविष्य के बारे में कुछ निर्णय लेने की बात भी कही है।
टीएस सिंहदेव को बीजेपी शामिल होने का न्योता भी आ चुका है
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को लेकर चर्चाओं का बाजार हमेशा गर्म रहता है। बीते दिन ही मध्य प्रदेश के गुना से मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव को बीजेपी शामिल होने का न्योता दे दिया था। जिसके बाद अंबिकापुर में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि अब कांग्रेस का हाथ कंधे पर महसूस नहीं होता। कांग्रेस के साथ हमारा परिवार हर परिस्थितियों में खड़ा रहा। उनके इस बयान से कांग्रेस में खलबली मच गई थी।
कांग्रेस में अब अनदेखी किए जाने की खबरें
टीएस सिंहदेव की लगातार अनदेखी किए जाने की खबरें भी सामने आती रहती हैं। जिसको लेकर उनके समर्थकों द्वारा कई बार हंगामा भी किया गया। छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस, राज्योत्सव में भी यही हाल देखने को मिला था। अम्बिकापुर में आयोजित राज्योत्सव के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया था। वही कांग्रेसियो ने कहा था कि स्थानीय विधायक व प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का एक बार भी नाम नहीं लिया गया। साथ ही प्रदेश स्तर के नेताओं को मंच पर जगह भी नहीं दी गई।