Chhattisgarh News: आदित्येश्वर शरण सिंहदेव की पहल लाई रंग, नि:शुल्क सरकारी कोचिंग से 2 आदिवासी बच्चों के डॉक्टर बनने का सपना होगा साकार

Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के विद्यार्थी नीट परीक्षा की तैयारी करने के लिए बड़े शहरों का रुख करते हैं. जहां नीट की तैयारी करवाने के लिए बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर मोटी रकम फीस के रूप में लेते हैं. फिर भी हजारों छात्र नीट की परीक्षा में सफल नहीं हो पाते. जिसे ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत सदस्य एवं रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने सरगुजा में एक साल पूर्व सरकारी स्कूल में पढ़ रहे गरीब छात्रों के लिए नीट और जेईई की निशुल्क कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने की अभिनव पहल की शुरुआत की थी. जिसका प्रतिफल एक ही साल बाद ही आज पूरे छत्तीसगढ़ के सामने हैं. दरअसल, जिला पंचायत व शिक्षा विभाग की पहल से जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 2 छात्रों को नीट में सफलता मिली और उनका चयन एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लिए हुआ है. गरीब का बेटा भी अब डॉक्टर बन सकेगा.

जिला पंचायत सदस्य आदित्येश्वर शरण सिंहदेव का कहना है कि जिले में शिक्षा विभाग की मेहनत रंग लाई है. बिना किसी योजना और फंड के विभाग ने गरीब बच्चों को जेईई और नीट की निशुल्क ट्रेनिंग दी. और इस ट्रेनिंग का नतीजा यह निकला की आज 2 गरीब बच्चों का चयन शासकीय मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के लिए हो गया है. जिस बच्चे ने कभी सपने में भी नही सोंचा था कि वो डॉक्टर बन सकेगा. आज वो डॉक्टर बनने के पहली सीढ़ी चढ़ चुका है.

दरअसल, जिला पंचायत एवं जिला शिक्षा अधिकारी अम्बिकापुर के द्वारा जिला स्तरीय नीट एवं जेईई मेन्स की विशेष 45 दिवसीय आवासीय कोचिंग की व्यवस्था की गई थी. कोचिंग का आयोजन जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में स्थित शासकीय मल्टी पर्पज स्कूल में 2 मई से 15 जून तक किया गया. जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के विज्ञान एवं गणित संकाय के निर्धन परिवार के छात्र-छात्राओं को विषय विशेषज्ञों के द्वारा विशेष कोचिंग दी गई. इस कोचिंग व्यवस्था से ग्राम अतौरी के छात्र प्रमोद सोनवानी का एमबीबीएस प्रथम चरण के काउंसलिंग में एवं द्वितीय चरण के काउंसलिंग में मैनपाट निवासी छात्र ज्ञानदीप तिग्गा का मेडिकल कॉलेज कोरबा में चयन हुआ है. छात्र इस उपलब्धि के लिए बेहद खुश हैं. लेकिन अब इनके सामने शासकीय कॉलेज की फीस भरना भी बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि शासकीय कॉलेज में भी एमबीबीएस की फीस करीब 50 हजार प्रति वर्ष है.