- इनकी बदौलत नगर निगम को मिला स्वच्छ सिटी अवार्ड…
सॉलिडवेस्ट मनेजमेंट टीम मेहनत लाइ रंग..
अम्बिकापुर- देश दीपक “सचिन”
अम्बिकापुर नगर निगम को स्वच्छ भारत मिशन के तहत “स्वच्छ सिटी” पुरूस्कार से सम्मनित किया गया है..पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में कराये गए स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में पूरे देश में दो लाख की आबादी वाले शहरों में अम्बिकापुर नगर निगम को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, वही देश के सभी शहरों से अगर तुलना की जाए तो देश में अम्बिकापुर नगर निगम का पन्द्रहवा स्थान है..तो इस सफलता के पीछे की पूरी कहानी यह है की हर शहर की तरह अम्बिकापुर में भी सड़क किनारे, घरो के सामने, नालियों के अन्दर, कचरा फैला होता था साथ ही कचरे से पहाड़ नुमा टीले भी बन जाते थे और इस कचरे को एकत्र करने के लिए निगम द्वारा 18 एकड़ की जमीन में यह कचरा रखा जाता था जाहिर है की शहर को साफ़ रखने में खर्च भी अधिक था और सफाई भी नहीं थी
27 मार्च 2015 को तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती ऋतू सेन की पहल से अम्बिकापुर में स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सहकारी संस्था मार्यादित का गठन किया गया और इस संस्था के जरिये शुरू हुआ ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबंधन का काम, इस परियोजना में स्वयंसहायता समूह की महिलाओ 431 महिलाओ ने शहर में डोर टू डोर कचरा प्रबंधन शुरू किया,महिलाओ ने पहले हर घर, हर दूकान में लाल और हरे रंग की डस्टबीन निशुल्क वितरित की जिसमे गीला और सूखा कचरा अलग अलग रखा जा सके इसके बाद घरो से मिलने वाले इन कचरों को शहर में 6686 वर्ग मीटर में बनाये गए 18 अलग-अलग सेंटरों तक पहुचाया जाने लगा और इन सेंटरों में इस कचरे की छटाई कर 17 भागो में बांटा जाता है जिसके बाद विशेषग्य कचरे को 122 अलग-अलग श्रेणी में बाँटते है
इस कचरे को उद्द्योगो को बेच दिया जाता है..इससे पहली जमा खेप में 90 टन में से 14 टन की बिक्री कर 3 लाख की आमदनी हुई थी..और निगम के सभी 48 पार्षदों ने अपने मद से 1-1 लाख रुपये दिए थे साथ ही इस परियोजना के लिए शासन से 3.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे लेकिन इस सहयोग के साथ शुरू हुई ये परियोजना आज निगम की आमदनी का मुख्य श्रोत बन चुकी है.. कचरा उठाने के लिए भी ये महिलाए प्रतिमाह हर घर से 50 रुपये, दूकान से 100 रुपये, होटल से 500 रुपये और कार्शियल रहवासी जगहों से 1000 रुपये प्रतिमाह का शुल्क ले रही है..
वही नए कलेक्टर ने भी इस योजना को और ऊंचाइया दी जिसकी बदौलत ये संभव सो सका है..बहरहाल ये पूरी कहानी इस लिए बताई गई की इस लम्बी प्रक्रिया के बाद ही अम्बिकापुर इस महान पायदान तक पहुच सका है इस परियोजना की ही देन है की अम्बिकापुर की गलियों में या खाली पड़े मैदानों में कचरे का ढेर नहीं होता है.. यही कारण है की यह पुरूस्कार गुरुवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकाश मंत्रालय द्वारा अम्बिकापुर नगर निगम को दिया है..इस दौरान मंत्री वेंकैया नायडू ने अम्बिकापुर नगर निगम को इस पुरूस्कार से नवाजा है..
नितिनकान्त दत्ता… रेस्टोरेंट संचालक अम्बिकापुर
व्यवसायी नितिनकान्त दत्ता का कहना है की सर्वेक्षण की जिस सूची में अम्बिकापुर पन्द्रहवें पायदान पर है उसमे अम्बिकापुर से पहले दस से पंद्रह लाख आबादी वाले शहर शुमार है जबकी अम्बिकापुर महज दो लाख की आबादी होने के बावजूद पंद्रहवे स्थान पर है तो वही दो लाख की आबादी वाले शहरो में देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है..शहर की इस सफलता पर शासन, प्रशासन सहित आम लोग भी प्रफुल्लित है और स्वच्छता अभियान के लिए पीएम मोदी को बधाई दे रहे है..
सुनीता… प्रभारी स्वयं सहायता समूह अंबिकापुर नगर निगम
इस महान कार्य की प्रभारी महिला सुनीता बताया की लोगो का कचरा उठाने में उन्हें शर्म महसूस नहीं होती है बल्की वो और उनकी पूरी टीम इस बात पर गर्व करती है की देश के इस महान काम की वो भी सहभागी है..सुनीता यह भी कहती है बस इस काम में संक्रमण का ख़तरा अधिक होता है इस लिए हम लोग सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करते है और समय समय पर चिकित्सकीय जाँच भी कराते है.