- पहली बार हुआ ऐसा कि पुलिस की मौजूदगी में बंटा नसबंदी का फार्म
- फार्म लेने के दौरान महिलाओं ने अधिकारी से की खींचतान
अम्बिकापुर (दीपक सराठे)
परिवार नियोजन के तहत नसबंदी किये जाने को लेकर एक समय लोगों की मिन्नतें स्वास्थ्य विभाग को करनी पड़ती थी। और तो और कई जगह कैम्प लगाने पर भी मात्र दो-तीन लोग ही नसबंदी के लिये सामने आते थे। शासन की ओर से नसबंदी कराने वालों को प्रोत्साहन देने राशि भी दी जाती रही है। इसके बाद भी विभाग हमेशा अपने लक्ष्य से पीछे ही रहा है। इन सबसे अलग वर्तमान की बात करें तो लोगों में जब जागरूकता आई है तो सरगुजा संभाग में संसाधन की कमी एक बड़ी समस्या बन कर सामने आ गई है। महिलाओं में नसबंदी को लेकर दिख रही जागरूकता का एक रूप आज जिला अस्पताल में देखा गया। जरूरत से ज्यादा महिलायें एक साथ नसबंदी के लिये जब पंहुची तो अस्पताल का आलम देखने लायक था। नियम के अनुसार मात्र 40 महिलाओं को नसबंदी का फार्म दिया जाना था, परंतु वहां उपस्थित लगभग 200 महिलायें फार्म लेने अधिकारी से खींचतान करने लगीं। नौबत यहां तक आ गई कि अधिकारी को इसकी सूचना पुलिस को देनी पड़ी। बाद में पुलिस की मौजूदगी में महिलाओं पर किसी तरह काबू पाया जा सका और पुलिस की ही मौजूदगी में 40 महिलाओं को फार्म बांटा गया। नसबंदी को लेकर महिलाओं में जिस प्रकार से जागरूकता देखी जा रही है। उसके अनुसार सरगुजा संभाग में संसाधन की कमी परिवार नियोजन के इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी बाधा बन गई है।
जानकारी के अनुसार रघुनाथ जिला अस्पताल में आज उस वक्त स्थिति बेकाबू हो गई, जब एक साथ कई इलाकों व जिलों से लगभग 200 महिलायें नसबंदी कराने के लिये पहंुच गईं। मात्र दो सर्जन के द्वारा एक दिन में कम से कम 40 लोगों की नसबंदी किये जाने के कारण महिला अस्पताल की ओर अधिकारी ने 40 महिलाओं को फार्म दे दिया। दूर-दराज से आईं महिलायें फार्म लेने के लिये छीना-झपटी पर उतारू हो गईं। इतनी सारी महिलाओं को देखकर अधिकारी वहां से भाग खड़े हुये। इस पर भी महिलाओं ने अधिकारी का पीछा नहीं छोड़ा। महिलाओं की जिद थी, कि हम काफी दूर-दूर से आये हैं। लगातार तीन-चार दिनों से नसबंदी के लिये यहां आकर वापस लौटना पड़ रहा है। आज हमें नसबंदी का फर्म देना पड़ेगा। कई महिलायें सूरजपुर खड़गवां व बलरामपुर सहित अम्बिकापुर के 15-20 कि.मी. दूर से आईं थीं। फार्म नहीं मिलने पर प्रभारी सिविल सर्जन डाॅ. आजाद भगत को महिलाओं ने घेर लिया। डाॅ. भगत ने कहा कि आज 40 लोगों को फार्म दे दिया गया है। इससे ज्यादा एक दिन में नसबंदी के आॅपरेशन नहीं हो सकते। हम नियम के तहत बंधे हुये हैं। उन्होंने यह कह कर महिलाओं को आस्वस्त किया कि जो दो-तीन दिनों से आ रहे है, उनके नाम की सूची लेकर सोमवार को उनको फार्म दिया जायेगा।
संभाग में मात्र दो सर्जन
सरगुजा संभाग में नसबंदी की आॅपरेशन के लिये मात्र दो सर्जन ही उपलब्ध हैं। डाॅ. ए.के. जायसवाल व डाॅ. जे. एक्का के अलावा एक भी सर्जन पूरे संभाग में नहीं रहने से नसबंदी को लेकर जागरूक महिलायें अम्बिकापुर तक पंहुच रही हैं। विभाग द्वारा सरगुजा क्षेत्र में समय-समय पर नसबंदी कैम्प लगाया जाता है, परंतु कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर में नसबंदी कराने वाले लोगों को इसकी सुविधा नहीं मिलने से सभी अम्बिकापुर आने पर विवस हैं। आज इसी वजह से इस प्रकार की स्थिति निर्मित हुई। प्रभारी सी.एस. डाॅ. भगत ने इस संबंध में बताया कि अब सभी जिलों में नसबंदी कैम्प लगाने के आदेश आ गये हैं। अब लोगों को उन कैम्पों के जरिये ही नसबंदी की सुविधा मिल सकेगी। हालाकि संभाग में दो सर्जन रहने से परेशानी तो बनी रहेगी।