अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों की लड़कियों को संदिग्ध अवस्था में तमिलनाडु पासिंग की एक बस से ले जाया जा रहा था। जिन्हें सरगुज़ा की मणिपुर पुलिस ने पकड़ा है, प्रारंभिक पूछताछ और जांच में लड़कियों के पास न तो कोई वैध दस्तावेज है, और ना ही लिखित में कंपनी की तरफ से कॉल लेटर। ऐसे में पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को अंदेशा है कि चेन्नई ले जाई जा रही लड़कियों में से कुछ नाबालिग भी हो सकती हैं। इसके अलावा ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आशंका को देखते हुए भी पुलिस ने इस पर जांच शुरू कर दी है। दरअसल मणिपुर पुलिस ने तमिलनाडु पासिंग की एक गाड़ी को देखा। जिसमें करीब 25 से ज्यादा लड़कियां सवार थी। ऐसे में जब बस को रुकवा कर पुलिस ने पूछताछ शुरू की, तो लड़कियों ने बताया कि चेन्नई में एक सिलाई कंपनी में काम करने वह जा रही हैं।
मगर अलग-अलग इलाके से ले जाई जा रही लड़कियों के पास ना तो कंपनी की तरफ से भेजा गया कोई कॉल लेटर था और ना ही कोई वैध दस्तावेज। कई लड़कियों की उम्र को लेकर भी पुलिस को संदेह था। ऐसे में पुलिस ने सखी सेंटर की टीम को बुलाकर लड़कियों से पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस यह भी वेरीफाई कर रही है कि कहीं यह मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग का तो नहीं। इसके अलावा पुलिस लड़कियों के उम्र और कंपनी को लेकर भी आस्वस्त होना चाहती है। यही कारण है कि जांच के बाद ही पुलिस बस को छोड़ने और लड़कियों को भेजने की बात कह रही है।
इधर लड़कियों का कहना है कि वह अपने परिजनों से सहमति के बाद ही काम पर जा रही हैं। मगर किसी के पास कोई लिखित कॉल लेटर नहीं। ऐसे में फिलहाल मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। वैसे भी छत्तीसगढ़ से लड़कियों को ले जाकर उनके साथ अपराध करने की शिकायतें मिलती रहती हैं। ऐसे में पुलिस इस मामले में कोई भी लापरवाही बरतने के मूड में नजर नहीं आ रही।