अम्बिकापुर। कोरोना संक्रमित मरीजों के ईलाज में उपयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी सरगुज़ा में भी शुरू होने लगी है। इस इंजेक्शन की कालाबाजारी कर ऊंचे दाम पर बेचने वाले के खिलाफ जिला प्रशासन के निर्देश पर पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 420, 34 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है,
जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन के निगरानी दल को मिली सूचना के आधार पर निगरानी दल और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा मोबाइल पर कथित धारक शुभम गुप्ता के बातचीत की रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई। जिसमें कथित शुभम गुप्ता द्वारा कालाबाजारी कर 15 हजार रुपये में रेमडेसिविर की प्रति इंजेक्शन देने की बात कही गई। इस रिकार्डिंग के आधार पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा अम्बिकापुर थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने कहा गया। जिस पर अम्बिकापुर कोतवाली थाना मे 25 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कर लिया गया है।
ग़ौरतलब है कि कलेक्टर संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए निगरानी समिति गठित की गई है। जिनकी निगरानी में ही केवल जरूरतमंद मरीज के लिए संबंधित संस्था को इंजेक्शन जारी किया जाता है।
“इस संबंध में अम्बिकापुर एसडीएम प्रदीप साहू ने बताया कि शिकायत मिली थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन अधिक दामों में बेची जा रही है। इसके लिए कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। थाना प्रभारी जांच कर आगे कार्रवाई करेंगे। ज़िले में चाक-चौबंद व्यवस्था है। दवाई सीधे जहां कोविड मरीज़ एडमिट है वहीं भेजा जा रहा है। हो सकता है किसी अन्य राज्य से रेमडेसिविर मिला हो, जांच में पुष्टि हो पाएगी की उनके पास रेमड़ेसिविर इंजेक्शन है भी की नहीं? रिकार्डिंग में बताया है कि अधिक दाम में विक्रय कर देंगे।”