Breaking : एम्स रायपुर को यूएस-एड के दस पोर्टेबल वेंटीलेटर मिले… कोविड-19 रोगियों के लिए उपयोगी होंगे अमेरिका से आये वेंटिलेटर… रोगियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने और एंबुलेंस में भी हो सकेगा प्रयोग

एम्स के पास पूर्व में हैं 73 वेंटीलेटर, नए पोर्टेबल वेंटीलेटर से बढ़ जाएगी क्षमता

रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर को यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएस-एड) द्वारा भारत को दिए गए वेंटीलेटर में से 10 पोर्टेबल वेंटीलेटर प्रदान किए गए हैं। नए वेंटीलेटर कोविड-19 पॉजीटिव रोगियों के लिए उपयोगी हैं। इसके साथ ही इन वेंटीलेटर का प्रयोग रोगी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने और एंबुलेंस में भी किया जा सकता है।

निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि एम्स को जेडओएलएल कंपनी के अमेरिका में निर्मित 10 पोर्टेबल वेंटीलेटर हाल ही में प्राप्त हुए हैं। इनका प्रयोग कोविड-19 वार्ड के रोगियों के लिए आसानी से किया जा सकता है। पोर्टेबल होने की वजह से इन्हें कहीं भी ले जाया जा सकता है और आसानी से इनका प्रयोग संभव है। इसका प्रयोग रोगियों को अस्पताल के अंदर एक से दूसरे स्थान तक ले जाने के दौरान या रोगी को एंबुलेंस से लाने के दौरान किया जा सकता है। उन्होंने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इन वेंटीलेटर्स को बहु-उपयोगी बताया। प्रो. नागरकर ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और यूएस-एड को इसके लिए धन्यवाद दिया है।

उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नितिन कुमार बोरकर ने बताया कि एम्स में 73 वेंटीलेटर उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग कोविड-19 वार्ड में, विभिन्न विभागों के वार्डों में और इमरजेंसी में किया जा रहा है। नए पोर्टेबल वेंटीलेटर आ जाने से एम्स की गंभीर रोगियों का इलाज करने की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी।

जेडओएलएल कंपनी के वेंटीलेटर, पोर्टेबल वेंटीलेटर में बेहतरीन माने जाते हैं। इसकी मदद से चिकित्सक आक्सीजीनेशन और ट्रीटमेंट को आसानी के साथ प्रारंभ कर सकते हैं। इसमें स्मार्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है जिससे पल्स रेट रीडिंग में आसानी होती है। इसे 720 घंटे तक आसानी के साथ प्रयोग किया जा सकता है।

यूएस-एड द्वारा प्रदान किए गए यह 10 वेंटीलेटर उन वेंटीलेटर्स का भाग हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई संयुक्त वार्ता के दौरान भारत को देने का वायदा किया था। इसका एक भाग हाल ही में अमेरिकी अंबेसडर ने भारतीय रेड क्रास सोसाइटी को दिल्ली में प्रदान किया था।