एक चिकित्सक हुआ पदस्थ तो……… लाखो के उपकरण से हटी धूल

एक साल बाद फिजियोथैरेपी सेन्टर के खुले ताले

अम्बिकापुर

जिला अस्पताल में पिछले एक वर्ष से बंद फिजियो थैरेपी वार्ड के ताले आज खोल दिए गए है। वार्ड में सारे उपकरण धूल खा कर कंडम हो रहे थे, जिस पर से धूल हटाई गई। डीईआईसी प्रोग्राम के तहत जिला अस्पताल में फिजियोथैरेपिस्ट आकांक्षा कौषल को पदस्थ किया गया हैे। फिजियोथैरेपिस्ट के जिला अस्पताल में पदस्थ होने से अब मरिजों को फिजियोथैरेपी के लिए निजी सेंटरों में बडी राषि खर्च नही करनी पडेगी।

आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग के सबसे बडे जिला अस्पताल अम्बिकापुर में पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के माध्यम से निःशक्त जनों के हितार्थ संचालित योजनाओं को देखते हुए फिजियोथैरेपी सेंटर की स्थापना कराई गई थी। यही नही विभाग द्वारा जिला अस्पताल प्रबंधन को फिजियोथैरेपी के लिए उपयोग किये जाने वाले चिकित्सा उपकरण व एक्सर साईज मषीने उपलब्ध कराई गई थी। इन उपकरणों के खरीदी में लाखो रूपए खर्च किये गये थे। फिजियोथैरेपी सेंटर को बेहतर तरीके से संचालन के लिए विभाग के माध्यम से ही फिजियोथैरेपी की पदस्थापना भी की गई थी। इस सेंटर के माध्यम से सरगुजा बल्कि संभाग के दूर दूर से बडी संख्या में मरिजों को लाभ मिल रहा था। सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा लेकिन न जाने क्या परिस्थितियाॅ निर्मित हुई कि फिजियोथैरेपिस्ट की संविदा सेवा को एक अवधि के बाद आगे बढाया ही नही गया। परिणाम यह निकला कि जिला अस्पताल का फिजियोथैरेपी सेन्टर एक वर्ष सें बन्द पडा था। डीईआरसी प्रोग्राम के तहत आज फिजियोथैरेपिस्ट आकांक्षा कौशल की पदस्थापना जिला अस्पताल में हो जाने से फिजियोथैरेपी सेंटर की सुविधा फिर से बहाल हो गई है। यही नही फिजियोथैरेपी सेंटर को और आधुुनिक व सुविधा जनक बनाने के लिए सेंटर में फिजियोथैरेपिस्ट के साथ क्लीनिकल साईक्लोजिस्ट माधुरी मिंज भी बैठेंगीं।