
धमतरी। नगर निगम परिसर में हाल ही में स्थापित की गई नई मशीन में शार्ट सर्किट के कारण पैनल बोर्ड में आग लगने की घटना से अफरा-तफरी मच गई। सौभाग्य से उस समय मौके पर मौजूद कर्मचारी समय रहते बाहर निकल गए, जिससे बड़ा हादसा टल गया। घटना के बाद निगम की कार्यप्रणाली और सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठने लगे हैं, वहीं विपक्ष ने इसे लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा बताया है।
रविवार को फिल्टर प्लांट के निरीक्षण पर पहुंचे नगर निगम में उपनेता प्रतिपक्ष सत्येन्द्र देवांगन ने कहा कि यह हादसा अधिकारियों की गंभीर लापरवाही का प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने आरोप लगाया कि घटिया गुणवत्ता की मशीन की खरीदी की गई, जिससे न केवल तकनीकी खराबी सामने आई बल्कि कर्मचारियों की जान भी खतरे में पड़ गई। उन्होंने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
कांग्रेसी पार्षद सुमन मेश्राम ने भी मशीन की गुणवत्ता और खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि मात्र दो माह में ही मशीन जवाब देने लगे, तो गुणवत्ता परीक्षण, तकनीकी जांच और खरीदी से जुड़े फैसले किस स्तर पर और किनकी सहमति से किए गए, यह स्पष्ट होना चाहिए। यह घटना निगम प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
इसी कड़ी में पार्षद पूर्णिमा रजक ने कहा कि मशीन खराब होने का सीधा असर शहर की पेयजल व्यवस्था पर पड़ा है। कई वार्डों में पानी की आपूर्ति बाधित होने से नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन आम जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं है और व्यवस्थाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं, जबकि वास्तविक हालात चिंताजनक हैं।
कांग्रेस पार्षदों ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। निरीक्षण के दौरान पूर्व पार्षद सोमेश मेश्राम और गजानंद रजक भी मौजूद रहे।




