अम्बिकापुर “दीपक सराठे”
पांच सितम्बर से 18 सितम्बर तक सरगुजा जिले के घर-घर तक कुष्ठ की पहचान करने का अभियान सफल होने व लगभग 90 प्रतिशत लोगों के घरों तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पहुंचने पर दिल्ली से पहुंची टीम ने विभाग की सराहना की है। इंडियन लेपे्रसी इलाडिकेशन प्रोग्राम को लेकर दिल्ली से डॉ. गौतम सहित तीन सदस्यीय टीम ने पहुंच सरगुजा में कुष्ठ को लेकर चल रहे अभियान का सर्वे किया। इस सर्वें में विभाग को जिले से कुल 35 मरीज कुष्ठ के मिले हैं। इनमें 10 घातक कुष्ठ व 25 सामान्य कुष्ठ की बीमारी से पीडि़त हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ व जिला क्षय अधिकारी डॉ. पीके सिन्हा के अनुसार जितने भी केस कुष्ठ के सामने आये हैं, उनकी दवा प्रारंभ कर दी गई है और उन्हें खुद व दूसरो को सुरक्षित रखने हिदायत दी गई है। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा कुष्ठ रोग को लेकर कई इलाके चिन्हित किये गये थे, जिनमें सरगुजा को भी संवेदनशील बताया गया था। इसी को लेकर विभाग के द्वारा 5 सितम्बर से 18 सितम्बर तक जिले में घर-घर जाकर कुष्ठ रोगों की पहचान की गई। दिल्ली से पहुंची टीम ने कहा कि सरगुजा में स्वास्थ्य कार्यकर्ता सबसे ज्यादा लोगों के घरों तक कुष्ठ की पहचान को लेकर पहुंचे हैं जो एक सराहनीय कार्य है।
3 अक्टूबर से मैनपाट में अभियान
कुष्ठ रोग व टीबी की बीमारी को लेकर क्षय विभाग द्वारा 3 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच पर्यटन स्थल मैनपाट में पहचान व जांच अभियान चलाया जायेगा। मैनपाट में रहने वाले खासतौर से तिब्बतियों में इस रोग की जांच का पहचान की जायेगी। इसी प्रकार 18 अक्टूबर को जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में कुष्ठ विकृति को लेेकर शिविर आयोजित किया जायेगा। जिला क्षय अधिकारी श्री सिन्हा ने लोगों से अपील की है कि कुष्ठ बीमारी को लेकर घर में न बैठें, बल्कि सामने आयें, ताकि उसका उपचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस शिविर के माध्यम से उपचार कराने वालों को प्रोत्साहन राशि भी मिलती है।
शासकीय अधिकारी-कर्मचारी की भी होगी जांच
जिला क्षय अधिकारी श्री सिन्हा ने बताया कि नवम्बर व दिसम्बर में विभाग के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा अभियान चलाकर जिले के शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों की भी कुष्ठ की पहचान व जांच की जायेगी। सरगुजा जिले से कुष्ठ का समूल नाश करने की दिशा में यह अभियान चलाया जायेगा।