अम्बिकापुर
अम्बिकापुर से लगे पिलखा जंगल में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार का सनसनीखेज मामला सामने आया है… शिकार के आरोप में वन विभाग नें 9 आरोपियो को गिरफ्तार किया है.. जिनके खिलाफ भारतीय वन अधिनियम की धाराओ के तहत कार्यवाही की जा रही है…
अम्बिकापुर वन परिक्षेत्र में आने वाले पिलखा पहाड क्षेत्र में मोर का शिकार किए जाने का मामला सामने आया है… वन अधिकारियो के मुताबिक वनकर्मी पिलखा क्षेत्र में नियमित गश्त कर रहे थे,, कि तभी पिलखा पहाड के नीचे एक प्राकृतिक जल स्त्रोत के समीप कुछ ग्रामीण कुछ पका कर खाने की तैयारी में थे,,, कि तभी वनकर्मियो को संदेह हुआ,, लिहाजा जब संदेह की पडताल की गई तो मामला राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार का निकला,,, फिलहाल वन विभाग की टीम नें मोर के शिकार के आरोप में परसा गोपालपुर के रहने वाले 9 लोगो का गिरफ्तार कर लिया है,,,
इस कार्यावाही के दौरान शिकार करने के उपकरण के साथ मोर से मांस को सबूत के तौर पर मौके से बरामद किया गया है…. इधर जंहा पकडे गए आरोपियो के खिलाफ वन विभाग भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत कार्यवाही कर रही है ,, तो पिलखा पहाड से लगे परसा गोपलापुर के इन आरोपियो के मुताबिक वो तीतर को पकडने के लिए फंदा लगाए थे,, लेकिन शिकार में मोर फंस गया…
शिकार चाहे मोर का हो या फिर तीतर का वन अधिनियम के तहत दोनो अपराध है,,, लेकिन जिस तरह से विलुप्त होते जा रहे राष्ट्रीय पक्षा मोर के शिकार का ये मामला सामने आया है… उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है,, कि वनो से अच्छादित सरगुजा में अभी भी वो जानवर मौजूद है.. जिनकी किलकारी के लिए अन्य जिलो के लोगो के कान तरस जाते है.. बहरहाल राष्ट्रीय पक्षी के शिकार के सभी दोषी तो अब हिरासत में है… लेकिन ऐसे वन्य प्राणियो की सुरक्षा के उपाय वन विभाग को उस मुस्तैदी से करना चाहिए ,, जिसमें शिकार के पहले ही शिकारी पकड में आ जाए।