बलरामपुर..(राजपुर/पुरन देवांगन)..बलरामपुर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत महान टू कोयला खदान कई वर्षों से संचालित हो रहा है. शुरुआत समय में महान टू एसईसीएल प्रबंधन खदान की सुरक्षा के लिए पुरा ध्यान देती थी. उस वक्त एक खदान की रक्षा के लिए 80 से 100 सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ अधिकारियों की निगरानी रहती थी. जिससे कोयला तस्करों की दाल नहीं गल पाती थी.
लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता चला गया. वैसे-वैसे खदान की सुरक्षा व्यवस्था शिथिल होती चली गई. आज हालात यह है कि जहां सौ सुरक्षाकर्मी रहते थे. वहां मात्र 30 से 35 सुरक्षाकर्मी ही खदान में तैनात हैं.. और साथ ही पेट्रोलिंग के लिए ना ही कोई वाहन है ना ही कोई भी वैकल है. एसईसीएल की इस प्रकार की लचर व्यवस्था से कोयला तस्करों की मौज हो गई है. कोयला तस्कर लगातार खदान से लाखों रुपए की कोयला अवैध रूप से निकालकर भारत सरकार को लाखों करोड़ों रुपए का चुना लगा रही है.
गौरतलब है कि इस क्षेत्र में कोयला तस्करों का कई गिरोह सक्रिय है.. जो रोजाना लाखों रुपए का अवैध कोयला का गोलमाल कर रही है..कोयला तस्करों का गिरोह इतना सक्रिय हो चुका है.. कि इनके सामने किसी भी अधिकारी कर्मचारी की दाल नही गलती. जब कोई भी समाचार पत्र इनके कारनामों का उजागर करता है तब कार्रवाई के नाम पर मात्र दिखावा के रूप में धारा 141 (1-4) के तहत कार्यवाही कर दिया जाता है. जिससे आरोपीयो को 2 से 3 महीने के अंदर राहत मिल जाती है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं इन कोल गिरोह के साथ एक पूरा सिस्टम काम कर रही है और प्रशासन इनके अधीन है.
इसी कड़ी में बुधवार को राजपुर थाना प्रभारी फर्दीनंद कुजूर ने रात्रि गश्त के दौरान एक चार पहिया टिपर वाहन 407 को महान टू खदान से अवैध कोयला के साथ पकड़ा है. पकड़े गए वाहन में सिर्फ वाहन चालक था. जिसे मौके से गिरफ्तार कर लिया गया. जिससे पूछताछ में पता चला कि उक्त वाहन दीपक अग्रवाल अम्बिकापुर कुंडला बिहार निवासी का है.. जो पुन्ने सिंह उर्फ पंकज सिंह का अवैध कोयला होना बताया गया. जिसे खपाने खदान से निकाला जा रहा था. वाहन क्रमांक सीजी 15 डीजे 4035 में लगभग ₹42000 कीमत की लगभग 3 टन कोयला जप्त किया गया.
उक्त चालक के ऊपर धारा 41(1-4)जा.फौ./379 भादवि विधिवत कार्रवाई किया गया व आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया. इस पूरे कार्रवाई में राजपुर थाना प्रभारी फर्दीनंद कुजूर, आरक्षक पंकज पोर्ते, परमेश्वर दुबे, नरेंद्र कश्यप, विजय सिंह सक्रिय रहे.