लोकपाल ने सरपंच, सचिव, तकनीकी सहायक, तकनीकी समन्वयक एवं तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी से 30 लाख रूपये वसूली के लिये की अनुशंसा
अम्बिकापुर- ग्राम पंचायत सखौली में मिट्टी मुरूम, सड़क निर्माण के कई मनरेगा के कार्य में लापरवाही बरतने व जनहित में आये शासकीय राशि का गबन किये जाने के उक्त मामले में लोकपाल मनोज पांडेय ने सभी दोषियों से पृथक-पृथक 30 लाख 61 हजार रूपये वसूल किये जाने की अनुशंसा की है। अर्थदण्ड की राशि मनरेगा के खाते में जमा की जायेगी। लोकपाल ने बताया कि उक्त कार्य में पूर्व सरपंच, सचिव, तकनीकी सहायक, तकनीकी समन्यक एवं तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी दोषी पाये गये हैं।
इस संबंध में लोकपाल श्री पांडेय ने बताया कि शिकायत मिली थी कि अम्बिकापुर विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सखौली में मिट्टी, मुरूम, सड़क निर्माण, सह पुलिया निर्माण 11 लाख 99 हजार राशि का सीसी जारी किया गया था। उक्त कार्य तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अम्बिकापुर, पूर्व सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, तकनीकी समन्वयक के देख-रेख में किया जा रहा था। जांच के दौरान सखौली में उपरोक्त निर्माण कार्य काफी घटिया स्तर का पाया गया। सड़क निर्माण जितने मीटर बताया गया है उतने मीटर का नहीं किया गया है और सभी कार्य को पूर्ण बताकर राशि का आहरण कर लिया गया है। जांच के दौरान यह भी पाया गया कि जो निर्माण कार्य कराया गया, उसमें फर्जी बिल पाउचर लगाया गया है। इसके अलावा मजदूरों को मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया गया। पूरी जांच में दस्तावेज व तकनीकी सहायक द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन से सामने आया कि पूर्व सरपंच लक्ष्मी सिंह, सचिव उषा व कार्य के दौरान पदस्थ तकनीकी सहायक परमानंद साय, समन्वयक श्रीमती धनेश्वरी टोप्पो एवं तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी एक राय होकर मनरेगा की राशि में हेरा-फेरी किये जाने के दोषी हैं। लोकपाल ने बताया कि रोजगार सहायक के विरूद्ध अपराध प्रमाणित नहीं पाया गया। लोकपाल ने अधि निर्णय पारित करते हुये सभी दोषियों से 30 लाख 61 हजार रूपये पृथक-पृथक वसूल किये जाने की अनुशंसा की है।