दो साल में सामने आये टीवी के 1689 मरीज
अम्बिकापुर(दीपक सराठे)
शासकीय रघुनाथ अस्पताल स्थित जिला क्षय नियंत्रण विभाग जो कि गंदगी के कारण खुद ही क्षय की आगोस में था, अब उसके दिन फिर आये गये। सन 1935 की बनी इस इमारत को लाखों खर्च कर उसे न सिर्फ साफ सुथरा कर दिया गया है। बल्कि लाखों की सीबीनेट मशीन भी स्थापित कर दी गई है। इस मशीन के जरिए अब जिस टेस्ट के लिए गंभीर टीवी के मरीजों को रायपुर व बिलासपुर जाना पड़ता था, उससे मुक्ति मिल सकेगी। यहीं नहीं वर्षो से टीवी से ग्रसित मरीजों को जिला अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड में डायरिया व अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीजों के साथ रखा जाता था, अब उससे निजात मिल सकेगी। क्षय नियंत्रण केन्द्र में ही टीवी के मरीजों के लिए दो साफ सुथरे वार्ड का निर्माण करा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि इसी माह सीएम डाॅ. रमन सिंह के हाथों इस नई सुविधा का उद्घाटन किया जायेगा। इन सब से हटकर अगर सरगुजा में टीवी जैसी संक्रामक बीमारी का आंकड़ा देखे तो हर वर्ष बढ़ता आंकड़ा चैकाने वाला है। सिर्फ दो साल 2014-15 में ही 1668 टीवी के मरीज सरगुजा से सामने आये है, जिनका उपचार चल रहा है। इनमें कई तो पलमोन्टी व एमडीआर जैसे खतरनाक टीवी से भी पीडित है।
सिर्फ सरगुजा जिले में 2011 से अब तक 14 एमडीआर टीवी के मरीजों को डायगनोस किया गया है। विड़म्बना यह है कि टीवी जैसी बीमारी से लोगों को बचाने व लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ निःशुल्क दवा देने के बाद भी सरगुजा में टीवी का आंकड़ा हर माह बढ़ता जा रहा है। सरगुजा में टीवी से ग्रसित लोगों को समय पर दवा खाने की नसीहत देने सहित जागरूक करने 10 सुपरवाइजर फिल्ड में काम करते है। लाखो रूपये खर्च करने के बाद भी वर्तमान की बात करें तो सरगुजा में टीवी जैसी संक्रामक बीमारी की स्थिति नियंत्रण से बाहर है।
आई लाखों की सीबीनेट मशीन
सरगुजा जिला क्षय नियंत्रण विभाग में सीबीनेट मशीन लाखों रूपये की लागत से मंगाई गई है। इस मशीन के नहीं रहने से पूरे संभाग के एमडीआर टीवी के मरीज बिलासपुर व रायपुर जाकर दवा शुरू कराते थे। अब उनका टेस्ट यही हो सकेगा। आने वाले समय में लाखों की यह मशीन कितनी कारगर साबित होगी, यह भविष्य के गर्त में है।