अम्बिकापुर
अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले आदिवासियों ने सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में अपनी ताकत दिखाते हुये विशाल रैली निकाली। रैली कला केंद्र मैदान से निकलकर नगर के विभिन्न प्रमुखों मार्गों से होते हुये वापस कला केंद्र मैदान में जाकर विशाल आमसभा में परिवर्तित हो गई। सभा में सरगुजा संभाग के हजारों की संख्या में आदिवासी जनजाति उपस्थित थे। आम सभा में कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेव राम उरांव, पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि आदिवासियों को अभी और ताकत दिखाने की जरूरत है बस ध्यान में रहे कानून हाथ में न लें। जिलों में जाति प्रमाण पत्र जारी करने में संविधान एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का खुला उलंघन किया जा रहा है। जिनमें प्रमुख रूप से उरांव जनजाति के सदस्य होने का प्रमाण पत्र जारी करने में नियमों की अनदेखी कई मामलों में की जा रही है। भारत के संविधान में अनुसूचित जाति के सदस्यों के धर्मातरण के बाद उन्हे प्रदत्त अनुसूचित जाति की सुविधाएं बंद करने का प्रावधान है उसी अनुरूप अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के द्वारा धर्मातरण करने पर उन्हे प्रदत्त जनजाति की सुविधाओं को तत्काल बंद करने हेतु समुचित कानून बनाया जाना न्यायोचित होगा। संविधान का घोर उलंघन करते हुये ऐसे लोग अनुसूचित जाति/अनुसचित जनजाति के आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के साथ साथ अल्पसंख्यकों को दिये जाने वाले आरक्षण को भी दोहरा लाभ प्राप्त कर रहे है।
जो संविधान के नियमों का घोर उलंघन है। ऐसे व्यक्ति जिसके राजस्व अभिलेख/मिसल बंदोबस्त 1925-26 में जिनकी जाति क्रिस्तान अंकित है उसी व्यक्ति के 1949-50 के राजस्व अभिलेखों में बगैर किसी शासनादेश के उरांव अंकित किया गया है। एक ही व्यक्ति के दो राजस्व अभिलेखें में अलग-अलग जाति का उल्लेख है, उन्हे किस आधार पर उरांव जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है? ऐसे मामले सरगुजा संभाग में हजारों की संख्या में उपलब्ध है। जिनका विस्तार पूर्वक जांच कर दोषियों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। विशाल आम सभा में अखिल भारतीय सुरक्षा मंच सरगुजा के नेतृत्व में छत्तीसढ़, उड़ीसा एवं झारखण्ड के जनजाति समाज के हजारों लोग अपने पारंपरिक वेश भूषा एवं वाद्ययंत्रों के साथ जिला मुख्यालय अम्बिकापुर में उपस्थित होकर आम सभा के बाद तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सरगुजा कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।