कंपनियां ठगकर भागती रही, शिकायतें आती रहीं पर कुछ नहीं कर पाई पुलिस
कोरिया (चिरमिरी से रवि कुमार)
वायदा बाजार व ब्राडेंड कंपनी का प्रोडट दिखाकर ग्राहको की जेब काटने के मामले में जिले में पिछले पाच वर्ष में दो दर्जन से ज्यादा अपराध दर्ज हुए है। ठगी के षिकार लोगों ने एसपी कलेक्टर से लेकर सीएम तक को 119 आवेदन दे चुके है।इसके बाद भी पुलिस अब तक फर्जी वाड़ा करने वालों व कंपनी संचालका को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। आरोपीयों की गिफ्तारी की मांग और पुलिस की नाकामी को लेकर प्रर्दषन और आंदोलन का भी नतीजा नहीं निकला।
मार्केटिंग नेटवर्क व वायदा बाजार को कैरियर बनाकर कम समय मे अमीर बनाने का सपना दिखाकर ठगी करने के कई मामले समाने आए है। वर्ष 2010 से अब तक केवल कोरिया जिले में ही दर्जनभर से अधिक मामले है। दर्ज आपराध बताता है कि सैकडो लोगों से 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी अब तक हो चुकी है। वर्ष 2000 में चिरमिरी में शुरु होने वाले जेबीएल कंपनी से लेकर मई 2010 तक ग्रीन इडिया, माईक्रो फंइनेस, रोजवेली के नाम पर ठगी करने कंपनी के खिलाफ फर्जीवाडा का अपराध दर्ज है। इसके बाद भी षहर की पुलिस कंपनी व आरोपीयो को सालाखोें के पीछे पहुचा नहीं पाई है। दर्ज आपराधा मे वादा बाजार, डेयर प्रोडक्ट चिटफंड, चेन मार्केटिग फर्जी प्रापर्टी स्कीम बीसी आदि के मामले है।
प्रोडक्ट की आड़ में व्यापार
फर्जी कंपनी तैया कर ग्राहको को प्रोडक्ट दिखाकर कमीष्न कमाने का प्रलोभन दिया जाता है। ग्राहको के सामने कपड़ा से लेकर कई तरह के तरह की घरेलू सामान दिखाया जाता है। साथ ही कमीषन के रुप में नगदी नई चमचमाती कार फ्लैट व विदेष् यात्रा का प्रलोभन दिया जाता है। इसमें फर्जी कंपनी एक ग्राहक को चेेन सिस्टम पर पहले दो फिर चार इसके बाद आठ बढते क्रम में सदस्य बनाने कहते है।
यह वायदा बाजार
यह घर बैठे सौदा है। यह करोबार एक्सचेंज, ब्रोकर व ग्राहाक स्टेप में किया जाता है। इस करोबार में संचालन के लिए एफएमसी ( फारव्र्ड माकेंटिग कमीषन आॅफ इंडिया में पंजीयन करना आवष्यक होता है। बिना पंजियन के कारोबार करना अपराध है। इस करोबार में में एमसीएक्स के तहत सोना चांदी, कापर तेल व अन्य धातु का व्यापार किया जाता होता है। वहीं एसीडीईएक्स के तहत चांवल गेहूं को छोड़ अन्य कृषि उत्पाद का व्यापार होता है।
ऐस करते है ठगी
इस व्यापार के लिए मास्टरमाइंड पहले प्रचार-प्रसार करते है आॅलिषान आफिस डालकर एजेंट नियुक्त करते है। वायदा बाजार को एफएमसी के तहत पंजीयन होना बताया जाता है। झांसे मे आने के वाले ग्राहकों को अमीर बनने का सपना दिखाया जाता है। ग्राहक जब धीरे धीरे जमा पूजीं लगा देता है तब संचालक धीरे से करोबार समेट कर लेते है।
इस तरह होता खेल
प्रोडक्ट देने से पहले मोटी रकम लिया जाता है। इसके बाद दो नए सदस्य लाने कहा जाता है। सदस्य लाने पर कंमीषन दिया जाता है। कमीषन के लालच में वे चेन बनाते है। शुरुआत में ग्राहक को फायदा नजर आता है।बाद में उसे समझ मे आता है कि जितना लगाया है उससे कहीं ज्यादा खर्च हो चुका है। कई ऐसे ग्राहक होते हैं जिनके पास सदस् भी नही होते धीरे से कंपनी बंद भी हो जाती है।
पहले इनवेस्ट फिर फायदा
कई कंपनी ऐसी है जो इन्वेस्टमेंट कराती है। इन्वेस्टमेंट की आड़ मे मोटी रकम लिया जाता हैं। इसके बाइले कंपनी लैड, डेयरी मे शेयर व बिना ब्याज मोटी रकम लोन देन का प्रलोभन देती है। इसके लिए आॅनलाइन कारोबार करती है। सारा कुछ लूट जाने के बाद ग्राहक को समझ मे आता है कि अब वह पूरी तरह से बर्बाद हो चूका है।
ऐसे की जाती है ठगी
ग्राहक को लुभाने बैकनुमा कार्यालय बनाया जाता है।जहां कैस काउंटर से लेकर जमा काउंटर भी होता है।सारा काम बैक की तर्ज पर होता है।आदमी की सुविधा के लिए आॅनलाइन सेवाए भी दी जाती है। शुरुआती दौर में आसानी से ऋण व इन्वेस्टमेंट करने पर कमीषन दिया जाता है। बाद में कंपनी अचानक बंद हो जाती है।
प्रशासन की दबिश महज खानापूर्ति
लगातार षिकायत को देखने के बाद जिला प्रषासन ने वर्ष 2013-14 मे शहर के संचालित विभिन्न प्रतिष्ठानों पर दबिष दी थी। पूर्व एसडीएम संजीव झा ने जांच के बाद आधा दर्जन कार्यलाय को सील किया था। वर्तमान में सभी प्रतिष्ठान फिर चालू है।ग्राहक ठगी के षिकार हो रहे है।
अब तक थानों में दर्ज ठगी के मामले आकड़े एस पी कार्यलय से
वर्ष 2010:- 21
वर्ष 2011:- 31
वर्ष 2012:- 21
वर्ष 2013:- 24
वर्ष 2010:- 22
बीएस ध्रुव एसपी कोरिया जिला
हम ऐसे कंपनीयो पर लगातार कार्यवही करते है। और लोगो को चैपाल के माध्यम से सुचित करते है कि ऐसे लोगो से दुर रहें अगर कोई कम्पनी या एजेंट आपको इस संबध में फोन कर आपको पैसा दोदुना करने का प्रलोभन देता है। तो उसकी सुचना तुरन्त अपाने नजदीक के थाने में करें।