जांजगीर चांपा संजय यादव- मामला आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक या प्रशासनिक कोई सा भी हो, महिलाओं ने अपनी क्षमता व प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वर्तमान समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। आज माहिला दिवस पर जिले की एक महिला ऐसी हैं जिन्होंने कप्युटर के क्षेत्रों में कार्य करके आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। ऐसी ही एक कहानी कचरा बाई की है जो विकलांगता को बुलंद हौसलों से हराया, जो कप्युटर में पी.जी.डी.सी.ए. एवं राजनीति शास्त्र में स्नातक की पढाई पूरी की हुई है। 40 वर्ष की उम्र मे पिता के गुजर जाने के बाद घर परिवार की जिम्मेदारी खुद के उपर है, और खुद के वेतन से घर का पालन पोषण करती है। महिला सशक्तिरण का जीता जागता उदाहरण हैं।
दरअसल, इनके बचपन से ही शरीर का पूर्णतः विकास नही होने के कारण कचरा बाई की उचाई मात्र 2 फिट की हैं। जांजगीर चांपा जिले के चांपा में रहने वाली कचरा बाई ने विकलांगता को अपने बुलंद हौंसले से हरा दिया। उन्होंने चांपा में स्नातक की पढाई की और कप्युटर मे पीजीडीसीए की पढाई कर आज स्वास्थ एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग चांपा लगातार 6 वर्षो सें कप्युटर आॅपरेटर के पद पर कार्यरत है। वही कचरा बाई उन बालिकाओं को आगे की पढाई करने के लिए वह प्रेरित भी करती रही। जो कमजोर इच्छा शक्ति के कारण आगे नही बड़ पाती। विभाग के सभी कर्मचारी व अधिकारी कचरा बाई के इस मेहनत को सलाम करते है। कचरा बाई कप्युटर के की बोर्ड मे अपना करतब दिखाती है, तेज रप्तार से काम करते हुये अपने काम का अंजाम पर पूरा पहुचां कर दम लेती है। कम्प्युटर के की बोर्ड पर कचरा बाई की उंगली फर्राटे से चलती है। जिससे अच्छे से अच्छे कप्युटर टायपिस्ट देखते ही रह जाते है।