- चार साल में मात्र गढढों तक सीमित रह गई पुलिया
- 18 लाख की लागत से बनना था मिटटी मुरूम सडक एवं 4 नग पुलिया
- तीन साल में गढढों से आगे नही हो पाया निर्माण ,
- आरईएस विभाग था निर्माण एजेंसी
- 14 जनवरी 2011 को मनरेगा के तहत शुरू हुआ था
- काम, विकासखंड सोनहत के ग्राम पंचायत सिंघोर का मामलासोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट
सोनहत से राजन पाण्डेय की रिपोर्ट
कोरिया
विकासखंड सोनहत में आर ई एस विभाग के द्वारा मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यो में अनियमितताएं खत्म होने का नाम ही ले रही है । आलम है की जहां व्यापक स्तर पर मजदूरी भुगतान लंबित होने शिकायत नित प्रतिदिन सामने आ रही है वही अधिकांश निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन कराए जा रहे है । ऐसा ही एक मामला विकासखंड सोनहत के ग्राम पंचायत सिंघोर में देखने को मिला जिसमें आर ई एस विभाग द्वारा ग्राम सिघोर में मनरेगा के तहत 18लाख 35 हजार रूपए की लागत से 2500 मीटर मिटटी मुरूम सडक एवं 4 नाग पुलिया निर्माण किया जाना था ध्यान देने वाली बात यह है की उक्त कार्य को 14जनवरी 2011 को प्रारंभ किया गया था परन्तु चार साल हो गए अभी तक सिर्फ गढढे ही खोदे गए है हलाकी ये गढढे भी दो वर्ष पुर्व ही खोदे गए थे लेकिन कार्य को आगे नही बढाया गया ।
ग्रामीणों में आक्रोश
उक्त निर्माण कार्य के तीन वर्षो में पुर्ण नही हो पाने से ग्राम सिंघोर के मजदूर एवं सोनहत क्षेत्र के ग्रामीण पुष्पेन्द्र कुमार राजवाडे ने आर ई एस विभाग के उपर लापरवाही एवं अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा की पुलिया के आभाव में ग्राम जनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है विभाग द्वारा उक्त निर्माण कार्य में लंबे समय से आगे पहल नही किया जाना खेद जनक है।
सडक निर्माण भी धटिया
उल्लेखनीय है ग्राम सिंघोर में पुलिया निर्माण के साथ साथ उपस्वास्थ्य केन्द्र से हरिजन पारा एवं गोड पारा होकर माध्यमिक शाला भवन तक मिटटी सडक भी बनाया जाना था ग्रामीणों का आरोप है की उक्त निर्माण कार्य प्राकलन के विपरीत कराया गया है और महज चंद महीनों में ही सडक खस्ताहाल हो गई जिससे ग्रामीणों में आक्रोश का आलम निर्मित हो गया है । साथ ही बताया की उक्त निर्माण कार्य में बहुत से मजदूरों का मजदूरी भुगतान अभी तक लंबित है मजदूरों ने प्रशासन से अपने मजदूरी भुगतान की मांग किया है ।