क्वारंटाइन सेंटर से भाग निकले 14 प्रवासी श्रमिक…मगर जिम्मेदार अधिकारियों को भनक तक नही लगी …और फिर पुलिस ने ढूंढ निकाला.. मामला हो गया दर्ज!..

बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..जिले एक क्वारण्टाइन सेंटर से 14 प्रवासी मजूदरो के भागने की सूचना से जिले प्रशासनिक हल्के में हड़कम्प मच गया था..वही अब पुलिस ने इस मामले में सभी 14 प्रवासी श्रमिको के विरुद्ध महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है..

क्वारंटाइन सेंटर से भागे प्रवासी मजदूर

दरअसल रामचंद्रपुर विकासखण्ड के ग्राम डिंडो क्वारण्टाइन सेंटर से 04 जुलाई से प्रवासी मजदूरों के भागने का सिलसिला शुरू हुआ था..और देखते ही देखते मजदूरों के भागने का आंकड़ा 14 हो गया था..जिसके बाद से हड़कम्प मच गया था..और मजदूरों के पतासाजी के लिए अभियान चलाया गया ..और आज एसडीओपी रामानुजगंज ध्रुवेश जायसवाल की टीम ने सभी 14 प्रवासी श्रमिको को उनके घरों से वापस लेकर डिंडो क्वारण्टाइन सेंटर पहुँची है..और डिंडो चौकी में सभी के विरुद्ध भादवि की धारा 188,269,270 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है..

प्रवासी मजदूरों का आरोप

क्वारण्टाइन सेंटर से भागे प्रवासी श्रमिको का आरोप है..की क्वारण्टाइन सेंटर में उनके भोजन की उचित व्यवस्था नही थी..जिसके चलते वे अपने घरों की ओर रवाना हो लिए थे..और तो और कुछ तो अपने घरों तक भी जा पहुँचे थे..लेकिन सबसे अहम बात तो यह है..की डिंडो के क्वारण्टाइन सेंटर में रह रहे कुछ प्रवासी श्रमिक कोरोना से संक्रमित पाए गए थे..

जिम्मेदारों को भनक तक नहीं

अब दिलचस्प तो यह है कि..प्रवासी श्रमिक क्वारण्टाइन सेंटर में जिन जिम्मेदार अधिकारियों के जिम्मे थे..उन्हें यह जरा भी भनक नही लगी की.. प्रवासी श्रमिक अब धीरे -धीरे क्वारण्टाइन सेंटर से भाग रहे है..और आज जैसे ही प्रवासी श्रमिको की भागने की खबर फैली तब रामानुजगंज तहसीलदार भरत कौशिक क्वारण्टाइन सेंटर पहुँचे..और आनन-फानन में प्रवासी श्रमिको की पतासाजी की गई..

वही रामानुजगंज एसडीएम अभिषेक गुप्ता का कहना है..की उन्हें इस मामले की अधिक जानकारी नही है..और उन्होंने तहसीलदार को मौके पर भेजा है .मगर एसडीएम साहब इस बात को स्वीकार करते है..की मजदूर भागे थे..पर क्यो?..यह उन्हें भी नही पता!..

पुलिस ने सभी मज़दूरो को पकड़ा

बहरहाल प्रवासी श्रमिको के क्वारण्टाइन सेंटर से भागने के मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाई और सभी को ढूंढ निकाला..नही तो यह मामला प्रशासनिक हल्के के लिए परेशानी का सबब बन सकता था..